अवैध संबंध के शक में पति राजकुमार ने दोस्त रामबहादुर के साथ मिलकर हेमलता की हत्या की थी। नौ दिनों की जांच के बाद शाही पुलिस ने इसका खुलासा कर दिया। राजकुमार को शक था कि पत्नी के गर्भ में पल रहा बच्चा किसी और का है।
14 मई की शाम पति राजकुमार के साथ मयके से ससुराल बकैनिया वीरपुर जाते समय हेमलता की हत्या कर दी गई थी। राजकुमार ने आरोप लगाया था कि छह बदमाशों ने बाइक रोककर लूट व हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। वह जान बचाकर वहां से भाग निकला था। पहले दिन से ही पुलिस को राजकुमार व उसके दोस्त रामबहादुर पर संदेह था। दोनों आरोपी पहले पुलिस को टहलाते रहे पर सख्ती पर टूट गए। नौ दिनों की जांच के बाद पुलिस ने खुलासा किया है कि राजकुमार ने ही अवैध संबंध के शक में पत्नी की गोली मारकर हत्या की थी।
रामबहादुर ने हत्याकांड को लूट की घटना बनाने में सहयोग किया था। दोनों दिल्ली भागने की फिराक में थे, तभी आनंदपुर बाजार के पास से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने राजकुमार के खेत के पास से हत्या में प्रयुक्त तमंचा, दो खोखे, हेमलता के जेवर व दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। दोनों को जेल भेज दिया है।
राजकुमार हेमलता पर शक करता था। मोबाइल फोन पर बहनोई से बात करने को लेकर उसने हेमलता की पिटाई भी की थी। उसने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया था और हेमलता का फोन छीनकर खुद चलाता था। विवाद होने के कारण हेमलता मायके चली गई थी। तभी राजकुमार को पता चला कि वह गर्भवती है। तब राजकुमार उस पर और ज्यादा शक करने लगा था। इसी को लेकर राजकुमार ने हेमलता की हत्या की योजना बना डाली। हेमलता की हत्या के लिए राजकुमार ने मिर्च बेचकर 315 बोर का तमंचा और दो कारतूस खरीदा था।
हत्या से पहले दिखाया प्यार
हत्या से पहले राजकुमार हेमलता को मायके ले गया और उसकी मौसी के यहां भी घुमाया। घर लौटते वक्त उसे चूड़ी पहनवाई। इसके बाद घर जाते समय राजकुमार ने बाइक गांव से पहले पुलिया के पास खाली खेत में खड़ी कर दी। हेमलता से गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पूछा। बहस के दौरान उसने गोली मारकर हेमलता की हत्या कर दी। इसके बाद दोस्त रामबहादुर के साथ मिलकर लूट की कहानी गढ़ी। रामबहादुर ने बाइक गिरा दी। हेमलता के जेवर निकाल लिए। तमंचा छिपा दिया। राजकुमार का जूता दूसरी तरफ फेंक दिया। राजकुमार ने योजना के तहत रामबहादुर को कई बार कॉल की। गांव में भी लूट होने की सूचना दे डाली। बेहोश होने का नाटक किया। ग्राम प्रधान और रामबहादुर उसे अस्पताल ले गए। कोई जाहिर चोट न होने से अस्पताल वालों ने इलाज नहीं किया तो वह वापस आ गया।
रील बनाती थी हेमलता, राजकुमार ने लगा दी थी पाबंदी
हेमलता रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालती थी। राजकुमार इस पर एतराज जताता था। इसको लेकर भी दोनों में कई बार झगड़ा हुआ था। हेमलता मायके वालों को भी राजकुमार की हरकतों के बारे में बताती थी। इसीलिए हत्याकांड के बाद मायके वालों को राजकुमार पर शक हुआ।
जेवर बरामदगी पर पिता को ऐतराज
हेमलता के पिता हरीश कुमार को जब पुलिस ने बरामद जेवर दिखाए तो उन्होंने बताया कि यह उनकी बेटी के नहीं हैं। उन्होंने कागजों पर दस्तखत करने से इन्कार कर दिया। बताया कि काफी जेवर तो बरामद भी नहीं हुए हैं। हरीश ने बताया कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री सहित अधिकारियों से शिकायत करेंगे। हालांकि, हत्या के खुलासे को उन्होंने सही माना।
वीडियो व वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाकर खुलासा किया है। रामबहादुर ने अपनी प्रेमिका को कॉल कर कहा था कि मैं जेल जा सकता हूं। मुझे कॉल मत करना। इस बात का प्रमाण मिलने के बाद ही खुलासा संभव हुआ। पीड़ित परिवार भी संतुष्ट है।