खेती किसानी के लिए जाने जाना वाला लखीमपुर खीरी जिला शराब की खपत में प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा। श्रावस्ती पहले और सीतापुर दूसरे नंबर पर रहा। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पूरे साल में सबसे ज्यादा बिक्री नवंबर महीने में हुई।

चीनी का कटोरा कहे जाने वाला तराई क्षेत्र का लखीमपुरी खीरी जिला गन्ना, गेहूं और धान की फसल के उत्पादन के लिए प्रदेश भर में जाना जाता है,  लेकिन इस बार खीरी ने शराब गटकने के मामले में भी प्रदेश भर में अपनी पहचान बनाई है। 

पहले जहां होली के मौके पर शराब की बिक्री में उछाल देखा जाता था,  वहीं इस बार सर्दी में शराब की खपत ज्यादा हुई है। इस साल नवंबर तक आबकारी विभाग को 253.32 करोड़ का राजस्व मिला है। पिछले साल के मुकाबले खपत और बिक्री में 24.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल नवंबर महीने तक शराब की बिक्री 204 करोड़ रुपये हुई थी। 

इस साल नवंबर महीने में खीरी में सबसे ज्यादा शराब पी गई। इस साल नवंबर महीने में 39.64 प्रतिशत ज्यादा रेवेन्यू मिला। अकेले नवंबर महीने में ही 37.55 करोड़ रुपये की शराब पी गई। अगर चोरी छिपे गन्ने के खेतों में बनने वाली लहन व कच्ची शराब को भी शामिल किया जाए तो पीने वालों की संख्या में खीरी प्रदेश में नंबर एक पर हो सकता है।

सर्दी में 25 फीसदी तक बढ़ जाती है बिक्री
शराब बिक्री के मामले में सर्दी का मौसम सबसे ज्यादा मुफीद है। विभागीय अफसरों का कहना है कि सर्दी के मौसम में खपत 25 फीसदी तक बढ़ जाती है। जबकि, जुलाई से सितंबर तक बारिश के महीने में खपत काफी कम हो जाती है। अक्तूबर से जून तक भी ठीक ठाक खपत होती है।

इस साल बढ़ जाएगी 10 फीसदी लाइसेंस फीस
जिला आबकारी अधिकारी राजवीर सिंह ने कहा कि इस साल शराब बिक्री के मामले में खीरी जिला प्रदेश में नंबर तीन पर रहा है। नवंबर तक 253 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिला है। नवंबर में सबसे ज्यादा बिक्री 37.55 करोड़ रुपये की शराब बिक्री हुई है। शासन ने इस बार नए वित्तीय वर्ष में 10 फीसदी लाइसेंस फीस बढ़ाने का निर्णय लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *