उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर है। कन्नौज जिले में हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया. पूर्व प्रधान और हिस्ट्रीशीटर ने ताबड़तोड़ करीब 30 राउंड फायरिंग की. गोली लगने से एक सिपाही की मौत हो गई. जवाब में पुलिस ने मोर्चा संभाला और करीब 10 राउंड फायरिंग की. चार घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद पुलिस ने आरोपी और उसके बेटे को गोली मारकर घायल कर दिया. इसके बाद उसे पकड़कर अस्पताल ले जाया गया. आरोपी की पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. मृतक सिपाही के परिजनों को सूचना दे दी गई है. पूरे पुलिस विभाग में शोक की लहर है.
कन्नौज का ये पूरा मामला कानपुर के बिकरू कांड जैसा है. 2 जुलाई 2020 को पुलिस टीम अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई थी. लेकिन विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. बाद में पुलिस ने विकास दुबे समेत कई अपराधियों का एनकाउंटर कर दिया.
दरअसल, सोमवार शाम 4 बजे पुलिस टीम एक वारंट लेकर कन्नौज के विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया गांव पहुंची थी. पूर्व ग्राम प्रधान श्यामादेवी के हिस्ट्रीशीटर पति अशोक कुमार उर्फ मुन्ना यादव के खिलाफ छिबरामऊ कोतवाली समेत कई थानों में 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। छिबरामऊ कोतवाली और विशुनगढ़ थाना पुलिस हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए दरवाजा खोलने का प्रयास कर रही थी। तभी अचानक घर के अंदर से फायरिंग शुरू हो गई. तभी विशुनगढ़ थाने के सिपाही सचिन राठी की जांघ में गोली लग गई। सचिन जमीन पर गिर पड़े.
पुलिसकर्मी सचिन को तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। जहां मंगलवार को उनकी मौत हो गई. उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित कुमार आनंद, एएसपी डॉ. संसार सिंह, सीओ सदर डॉ. प्रियंका वाजपेई कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। घर को चारों तरफ से घेर लिया गया. आरोपी चार घंटे तक घर के अंदर से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करते रहे। अंधेरा होने पर आरोपी अशोक यादव और उसके बेटे रिंकू ने भागने की कोशिश की. लेकिन पुलिस की गोली लगने से दोनों घायल हो गये. दोनों के पैर में गोली लगी.