लखीमपुर नरसंहार के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। आशीष 12 से 15 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे जहाँ उनसे एसआईटी पूछताछ करेगी।
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इससे पहले जेल और कोर्ट के बीच वर्चुअल कनेक्शन टूटने के बाद सुनवाई थोड़ी देर के लिए रुक गई थी। दोबारा सुनवाई शुरू होते ही एसआईटी ने 14 दिन की रिमांड मांगी। इसपर आरोपी आशीष के वकील कहा कि यह दोबारा इंटेरोगेशन के लिए कस्टडी मांग रहे, जबकि पहले ही 12 घंटे पूछताछ कर चुके है। एसआईटी ने रिमांड के लिए कोई कारण भी नहीं बताया है।
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एसआईटी की तरफ से केस का पक्ष रखने वाले सरकारी वकील ने कहा कि 15 दिन के अंदर कभी भी कस्टड़ी मांगी जा सकती है और ये असहयोग के कारण हुआ है जो 12 घंटे की पूछताछ में कुछ नहीं मिला।
आशीष मिश्रा के वकील ने कहा कि आशीष जांच में सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस रिमांड में भेजे जाने का कोई कारण नहीं है। अगर आपके पास सवालों की और फेहरिस्त है तो दिखाइए, आशीष जांच अधिकारी के समक्ष धारा 161 के तहत बयान दर्ज करवा चुके हैं। फिर भी पुलिस ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि आशीष ने जांच में सहयोग नहीं किया।
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आशीष मिश्रा के वकील अवधेश ने कहा कि SIT बताए कि कस्टडी क्यों चाहिए, वो आशीष को कहां ले जाना चाहती है? आपने हमें 40 सवालों की प्रश्नावली दी थी, लेकिन आपने हजारों सवाल किए अब पूछने के लिए क्या बाकी रह गया है? वकील ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान आशीष चुप रहे किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।