प्रदेश की स्कूली शिक्षा में चल रही कायाकल्प की कवायद के तहत अगले पांच साल में 65 हजार से अधिक परिषदीय विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके तहत विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत, आधुनिक सुविधाओं के साथ बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण भी देने का प्रयास किया जाएगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है।

प्रदेश में कुल 1.32 लाख परिषदीय विद्यालय हैं। इसमें से बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आधे विद्यालयों को सभी आवश्यक संसाधनों से युक्त करने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत इन विद्यालयों में पठन-पाठन के लिए आवश्यक कमरे, स्मार्ट क्लास, अलमारी, आधुनिक लाइब्रेरी, किचेन-कैंटीन के साथ ही साफ शौचालय व पेयजल आदि की सुविधाएं भी दी जाएंगी। इन स्कूलों में खेल के मैदान बेहतर किए जाएंगे और इन्हें पर्यावरण की दृष्टि से भी हरा-भरा बनाया जाएगा।

इतना नहीं इन स्कूलों में अगर शिक्षकों की कमी है तो उसको भी पूरा किया जाएगा। सुरक्षा मानकों को भी पूरा कराया जाएगा। विभाग की ओर से ऐसे स्कूलों को चिह्नित करने और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार आंगणन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इन विद्यालयों को आदर्श बनाने का उद्देश्य यह है कि बच्चों को स्कूलों में सुरक्षित, तनावमुक्त और खुशहाल माहौल दिया जाए। ताकि वह स्कूल आने में हिचके नहीं और स्कूलों में आने पर उन्हें सीखने के बेहतर अवसर मिले।

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