फर्जी आईडी पर सिम एक्टिवेट कर विदेश भेजने वाले गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ ने शुक्रवार को भैसाली बस स्टैंड से गिरफ्तार किया। यह गिरोह दुबई, कंबोडिया, चीन आदि देशों में करीब दो हजार सिम सप्लाई कर चुका है। जिनका इस्तेमाल साइबर ठगी में किया जाता है। एसटीएफ की टीम ने आरोपी के पास से 179 सिम और तीन मोबाइल बरामद किए हैं। सदर थाने में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
एएसपी बृजेश कुार सिंह ने बताया कि एसटीएफ को कई दिन से खबर मिल रही थी कि एक गिरोह फर्जी आईडी पर सिम लेकर उन्हें एक्टिवेट कर भारत के बाहर दुबई, कंबोडिया, चीन आदि देशों में सप्लाई कर रहा है। इन सिमों का इस्तेमाल साइबर ठगी में किया जाता है। इस गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगाया गया था।
वहीं, शुक्रवार को सूचना मिली कि गिरोह का एक सदस्य भैसाली बस स्टैंड पर खड़ा है। जिस पर टीम मौके पर पहुंची और रितिक राज पुत्र रामबाबू रजक को गिरफ्तार कर लिया। वह मूलरूप से ग्राम हजरतपुर थाना मिनापुर जनपद मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। फिलहाल पटना के कुनाई चौक बसंत बिहार कॉलोनी में रहता है।
पूछताछ में आरोपी रितिक राज ने बताया कि उसका टेलीग्राम पर फेक सिम कार्ड बैंक एकाउंट @prem_singh_seller के नाम से चैनल हैं। इस चैनल के माध्यम से ही फर्जी सिम की खरीद फरोख्त करने वाले व्यक्ति उससे संपर्क में रहते है। इसी माध्यम से वह बड़ी संख्या में 400-500 रुपये प्रति सिम कार्ड खरीदकर दुबई, कंबोडिया और चीन आदि देशो में करीब दो से ढाई हजार रुपये प्रति सिम सप्लाई करता था।
इसी चैनल के माध्यम से रितिक राज की मुलाकात रोनित कुशवाहा निवासी महोबा से हुई थी। जिससे वह लगभग 2000 सिम ले चुका है। करीब तीन से चार हजार सिम विदेशों में सप्लाई कर चुका है। वासिफ व शकील नाम के व्यक्तियों ने 2800 रुपये के रेट से सिम लेने के लिए बुलाए थे। वासिफ ने रितिक राज को यह भी बताया था कि शकील निवासी न्यू अशोक नगर दिल्ली की फास्ट टेंग ट्रेवलर के नाम से एजेंसी है। यह सिम कार्ड व बैंकों के एटीएम कार्ड अपने जानने वाले साहिल को दुबई पहुंचाता है। साहिल (दुबई में रहता है) वासिफ व शकील से सिम व एटीएम लेकर फर्जी यूपीआई व फर्जी एकाउंट तैयार कराता है। फिर इन्हीं सिम कार्ड के मदद से ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन से जोड़कर लोगों से ठगी करता है।