उत्तर प्रदेश के कासगंज में जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का पुत्र बाहुबली अब्बास शनिवार को भी अब्बू के गम में डूबा रहा। उसे इस बात का अफसोस रहा कि उच्च न्यायालय से पेरोल न मिल पाने के कारण वह अब्बू के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया। उसे पेरोल न मिलने का अफसोस रातभर सताता रहा। हाई सिक्योरिटी बैरक में वह पूरी रात ढंग से सो भी नहीं पाया। कभी उठता, कभी बैठता तो कभी टहलने लगता।

जेल में अब्बास के अधिवक्ता केशव मिश्रा ने दोपहर के समय अब्बास से मुलाकात की। आधा घंटे तक मुलाकात चली। अधिवक्ता केशव मिश्रा ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि अब्बास अब्बू मुख्तार अंसारी की मृत्यु को लेकर सहज नहीं है। उसका कहना है कि यह प्राकृतिक मृत्यु नहीं है। बल्कि यह एक हत्या है जो योजनाबद्ध तरीके से की गई है। 

मामले की जांच के सवाल पर भी अब्बास के मन में निराशा थी। उन्होंने कहा कि यह जांच सही नहीं हो सकती। क्योंकि जांच करने वाले ही आरोपों के घेरे में है। अब्बास ने अपने अधिवक्ता से कहा कि अभी हमारा समय खराब है। खुदा जो करेगा वो मंजूर है।

शनिवार को भी अब्बास ने रखा रोजा

पिता की मौत से बंदी विधायक अब्बास काफी टूटा है। लेकिन, खुदा पर उसका पूरा भरोसा है। शनिवार को भी अब्बास ने रोजा रखा। कुरान पढ़ी एवं नमाज अता की।

परिवार के लोगों से फोन पर की बात

पचलाना जिला जेल में बंद विधायक अब्बास ने शनिवार को भी परिवार के लोगों से फोन पर बात की। जेल के पीसीओ से अब्बास ने बात की। फफकते हुए उसने परिवार के लोगों को सब्र रखने की सलाह दी। पांच मिनट तक परिवार के लोगों के अधिकृत नंबर पर उसने बातचीत की।

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