समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में रही जनवादी पार्टी ने शुक्रवार को आठ सीट पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि वह भाजपा की बी टीम की तरह कार्य कर रहे हैं। जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय चौहान का दावा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें घोसी सीट से चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा था। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा में भी कुछ अन्य सीटें भी देने का आश्वासन दिया था। लेकिन दो दिन पहले उन्होंने घोसी सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस पर पार्टी नेताओं की शुक्रवार को लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठक हुई। इसमें घोसी सीट पर खुद डॉक्टर संजय चौहान ने चुनाव लड़ने का एलान किया। इसी तरह मछलीशहर, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, लालगंज, वाराणसी, भदोही में भी पार्टी के कार्यकर्ता मैदान में उतरेंगे।
डॉ. चौहान ने आरोप लगाया कि सपा अध्यक्ष पीडीए की बात करते हैं, लेकिन चौहान बिरादरी को सम्मान नहीं देना चाहते हैं। उनका बर्ताव भी पिछड़ी जातियों के प्रति ठीक नहीं है। वह सिर्फ धनबल वालों को उम्मीदवार बना रहे हैं। संजय चौहान ने दावा किया कि राजीव राय घोसी के लिए एक कमजोर प्रत्याशी हैं और वहां पर चौहान समाज के लोग उनको वोट नहीं देने जा रहे हैं, जिनका तकरीबन साढ़े 3 लाख वोट है। संजय चौहान ने कहा कि वह चुनाव हारने या जीतने के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि अपने समाज के वोट को एकजुट करने के लिए ये चुनाव लड़ रहे हैं कि उनके समाज का वोट उनके पक्ष में एक जुट रहे यही उनकी कोशिश है जिससे 2027 में सदन में उनकी नुमाइंदगी कर सकें ।
40 लाख नोनिया चौहान बिरादरी के हैं वोटर
उत्तर प्रदेश में करीब 40 लाख नोनिया चौहान बिरादरी के मतदाता माने जाते हैं। ओबीसी में इनकी भागीदारी करीब 2.33 फीसदी है। पूर्वांचल की चंदौली, वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, बलिया आदि सीटों पर चौहान बिरादरी के मतदाता अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में प्रभावी हैं। यही वजह है कि भाजपा, सपा, बसपा सहित सभी दल इन बिरादरी के छिटपुट वोटबैंक को अपने खेमे करने के लिए लालायित रहते हैं। इस बिरादरी को अपना कोर वोटबैंक मानने वाली राष्ट्रीय जनवादी पार्टी अभी तक सपा के साथ थी तो भाजपा ने भी दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाकर इस वोटबैंक पर डोरे डाले, लेकिन लोकसभा नामांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही सियासी समीकरण भी बदलने लगे हैं।
सपा ने दिया था आश्वासन
इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष घोसी लोकसभा सीट पर तैयारी कर रहे थे। उनका दावा था कि सपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें आश्वासन दिया था। इसके बाद भी बुधवार को सपा ने इस सीट पर राजीव राय को उम्मीदवार घोषित कर दिया। ऐसे में अब डाॅ. संजय ने सपा शीर्ष नेतृत्व पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने शुक्रवार को पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। बताया कि पार्टी नेताओं के साथ मशविरा करके घोसी सहित पूर्वांचल की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारा जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद पूर्वांचल की कई लोकसभा सीटों पर सियासी रण दिलचस्प हो जाएगा।
भाजपा-सपा के साथ गठबंधन में रह चुकी है राष्ट्रीय जनवादी पार्टी
जनवादी पार्टी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन किया। भाजपा ने मधुबन, घोसी, जखनिया, उतरौलिया और सेवता सीट जनवादी पार्टी को सौंपी। सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 17 और 2017 के विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। करीब दो फीसदी वोटबैंक हासिल हुआ। वर्ष 2019 में सपा ने गठबंधन में शामिल किया। चंदौली लोकसभा क्षेत्र से सपा के सिंबल पर डाॅ. संजय चौहान मैदान में उतरे और 13 हजार वोटों से हार गए। वर्ष 2022 के चुनाव में भी सपा के साथ गठबंधन में रहे। सपा के ही सिंबल पर उतरौला, खड्डा और रसड़ा से उम्मीदवार उतारे, लेकिन तीनों सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे।
महान दल करेगा सपा और बसपा को समर्थन
विधानसभा चुनाव-2022 में सपा के साथ महान दल भी गठबंधन में शामिल था। महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशवदेव मौर्य की पत्नी को फर्रुखाबाद सदर और बेटे को बिल्सी से टिकट मिला। लेकिन दोनों हार गए। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ केशवदेव मौर्य ने मंच भी साझा किया। केशवदेव मौर्य का कहना है कि जहां सपा और बसपा का जिताऊ उम्मीदवार होगा, उसे समर्थन करेंगे, लेकिन कांग्रेस और भाजपा से दूरी बनाकर रखेंगे।