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कानपुर में दहेज हत्या के एक झूठे मुकदमे में विवेचक ने विवेचना में लापरवाही की और पति व सास-ससुर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेज दी। पति दो साल से जेल में ही बंद है। कोर्ट में विवेचक की खामियां उजागर हुईं तो अपर जिला जज सप्तम आजाद सिंह ने पति व सास-ससुर को दोषमुक्त करार दे दिया और आदेश की प्रति प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव गृह और लखनऊ के अभियोजन निदेशालय को भेजने के निर्देश भी दिए हैं ताकि स्तरहीन विवेचनाओं से बचा जा सके और विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।

जाजमऊ के संजय नगर निवासी इरफान खान की बहन कहकशां को पड़ोसी फजल भगा ले गया था। 23 दिसंबर 2021 को इरफान ने चकेरी थाने में शिकायत भी की थी। बाद में दोनों ने निकाह कर लिया था तो इरफान ने आगे कार्रवाई नहीं की। 2 फरवरी 2022 को कहकशां की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इरफान ने चकेरी थाने में ससुरालवालों के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि निकाह के कुछ दिन बाद फजल ने व्यापार के लिए एक लाख रुपये मांगे। रुपये न देने पर ससुरालवाले कहकशां को प्रताडि़त करने लगे।

जानकारी पर इरफान ने 50 हजार रुपये दिए थे। 2 फरवरी 2022 को कहकशां ने छोटी बहन दरक्शा को फोन पर बताया कि रुपये न मिले तो ससुराल वाले मारने की धमकी दे रहे हैं। थोड़ी देर बाद कहकशां के हैलट में भर्ती होने की सूचना मिली। मायकेवाले हैलट पहुंची तो कहकशां की मौत हो चुकी थी। अधिवक्ता शकील अहमद बुंधेल ने बताया कि मामले में पति फजल, सास चुन्नी बेगम व ससुर रहीस अहमद के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी गई थी। अभियोजन की ओर से इरफान समेत छह गवाह कोर्ट में पेश किए गए। अभियोजन की कहानी में संदेह के आधार पर कोर्ट ने फजल, चुन्नी बेगम व रहीस अहमद को दोषमुक्त करार दे दिया है।

विवेचना में दिखी यह कमियां
अधिवक्ता शकील अहमद बुंधेल ने बताया कि हैलट के कर्मचारी ने स्वरूप नगर थाने में कहकशां को अस्पताल लाने की सूचना दी थी लेकिन विवेचक ने उसका बयान नहीं लिया। जिस छोटी बहन से कहकशां ने आखिरी बार बात की और जान के खतरे की बात कही उसका भी बयान नहीं लिया गया। घटनास्थल का मुआयना भी फौरी तौर पर किया गया। निकाहनामा और रजिस्ट्रार का सर्टीफिकेट जो मृतका के पास होना चाहिए वह वादी ने विवेचक को दिया। इसे विवेचना में लापरवाही माना गया।

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