रालोद की भाजपा से नजदीकियां बढ़ते ही समाजवादी पार्टी ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। मुजफ्फरनगर सीट से गठबंधन में टिकट के दावेदार पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ बुलाया है। मलिक से अगले कदम को लेकर मंत्रणा होगी। साथ ही पूर्व मंत्री शिवपाल यादव को रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों के बीच जल्द ही बात हो सकती है।
सपा और रालोद के गठबंधन में सबसे बड़ा विवाद मुजफ्फरनगर सीट को लेकर हुआ। सीट रालोद को मिली, लेकिन पूर्व सीएम अखिलेश यादव यहां से हरेंद्र मलिक को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। रालोद ने इस पर नाराजगी जताई। एक तरफ हरेंद्र मलिक और उनके बेटे चरथावल से विधायक पंकज मलिक लोगों के बीच पहुंचकर चुनाव की तैयारी में जुट गए और दूसरी तरफ रालोद में उनके नाम पर सहमति नहीं बनी।
इसी दौरान भाजपा से रालोद की बातचीत के बाद समीकरण बदल गए। बुधवार को समाजवादी पार्टी ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए पहल की। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को लखनऊ बुलाया गया है। मलिक ने बताया कि वह दोपहर के समय लखनऊ पहुंचे हैं, पूरे घटनाक्रम को लेकर शीर्ष नेतृत्व से बात होगी।
शिवपाल को दी गई जिम्मेदारी
पूर्व मंत्री शिवपाल यादव और दिवंगत रालोद अध्यक्ष अजित सिंह के बीच पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। यही वजह है कि सपा ने अब शिवपाल यादव को ही रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह से बातचीत करने और पूरे प्रकरण का समाधान निकालने की जिम्मेदारी दी है।
पहले डिंपल और फिर अखिलेश का बयान
सोशल मीडिया पर पहले सांसद डिंपल यादव और फिर पूर्व सीएम अखिलेश यादव का बयान वायरल हुआ। दोनों ने रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह को पढ़ा-लिखा बताया। यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह रालोद अध्यक्ष किसान हितों के विषय में सोचेंगे।