पुलिस चौकी के अंदर चोरी के शक में रिक्शा चालक की पीट-पीटकर हत्या के दोषी तीन सिपाहियों को प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश लवी यादव ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। तीन पुलिसकर्मियों में सैय्यद अली, शिव कुमार शुक्ला सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सिपाही अरविंद कुमार शुक्ला उन्नाव में तैनात हैं। सजा सुनाए जाने के बाद तीनों दोषियों को जेल भेज दिया गया।

वारदात 1999 में कैंट चौकी में हुई थी। शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने बताया कि मोहल्ला एमनजई जलालनगर निवासी लियाकत ने सदर बाजार थाने के प्रभारी निरीक्षक को तहरीर दी थी कि 24-25 अगस्त 1999 की रात करीब तीन बजे रिक्शा चलाने वाले उसके ममेरे भाई मंगल शाह को चोरी के शक में कैंट चौकी के तीन सिपाही एक मीनार वाली मस्जिद के पास से जबरन पकड़कर ले गए थे। इस दौरान मोहल्ले के कई लोगों के साथ वह भी मौजूद था। 

रात करीब आठ बजे वह जानकारी करता हुआ कैंट चौकी पहुंचा तो वहां काफी भीड़ लगी हुई थी। पता चला कि चौकी में किसी व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। उसने देखा कि उसके भाई मंगल का शव चारपाई पर पड़ा हुआ था। चौकी में कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। शव छोड़कर पुलिसकर्मी भाग गए थे। तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। विवेचना के बाद साक्ष्यों के आधार पर सिपाही सैय्यद अली, शिवकुमार शुक्ला और अरविंद कुमार शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोपपत्र अदालत में भेजा गया। 

अदालत में मुकदमा चलने के दौरान गवाहों के बयानात और सरकारी वकील संजीव कुमार सिंह के तर्क सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने सैय्यद अली, शिवकुमार शुक्ला और अरविंद कुमार शुक्ला को दोषी माना। तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

उन्नाव, सीतापुर और प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं सिपाही
हत्या में दोषी पाया गया सिपाही अरविंद कुमार शुक्ला उन्नाव जिले में तैनात है। वह सीतापुर के रामकोट थाना क्षेत्र के नवादा मंसूरपुर का रहने वाला है। सिपाही सैय्यद अली सेवानिवृत्त हो चुका है। वह उन्नाव जिले के असीवन थाना क्षेत्र के मीरापुर मरौचा गांव का रहने वाला है। शिवकुमार शुक्ला भी सेवानिवृत्त हो चुका है। वह प्रतापगढ़ जिले के थाना कंधई के कापा मधुपुर पट्टी का निवासी है।

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