शहर के धारा रोड निवासी युवक मनोज शुक्ला का चार वर्ष पूर्व अपहरण कर हत्या करने के मामले में न्यायालय ने 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी पर 2,36,500 रुपये जुर्माना भी लगा है। आरोपियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल भेजा गया है। जबकि, सह अभियुक्त मनुज मेहरोत्रा को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। फैसला बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट प्रेम प्रकाश ने सुनाया है।
अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रवीण सिंह व विकास शुक्ला के मुताबिक शहर के धारा रोड निवासी राघवेंद्र शुक्ला के भाई मनोज शुक्ला 12 जून, 2019 की रात 11 बजे कोतवाली नगर के लक्ष्मणपुरी कॉलोनी निवासी वीरेश सिंह के साथ सिविल लाइन स्थित एक होटल में खाना खाने गए थे। वहां पर वीरेश सिंह से कहासुनी हो गई। वीरेश के बुलाने पर आए आशीष सिंह ने उन्हें बेरहमी से पीटा और अपहरण कर लिया। बाद में उनकी हत्या कर शव को छिपाने की नीयत से बोरे में भरकर गोंडा के मसकनवा रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था। आशीष सिंह के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट अगले दिन दर्ज कराई गई थी।
पोस्टमार्टम के बाद शव की पहचान होने पर पुलिस ने आशीष सिंह, श्रवण गोपाल पांडेय उर्फ ननकऊ, विनीत कुमार पांडेय, शिवम सिंह उर्फ शिवम लाला, श्याम कुमार यादव, वीरेश सिंह, सोनू सोनकर, विकास तिवारी उर्फ छोटे, मनुज मेहरोत्रा, धर्मेंद्र सिंह, राना सिंह व अनीस पांडेय उर्फ छोटू व एक किशोर के खिलाफ हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। सह अभियुक्त के किशोर होने के कारण उसका मुकदमा किशोर न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया।
बुधवार को दंड पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सभी 11 अभियुक्तों को हत्या व षड्यंत्र की धारा में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना, अपहरण के मामले में 10 साल सजा व पांच हजार जुर्माना लगाया है। अन्य कई धाराओं में 15 साल छह माह की सजा व प्रत्येक अभियुक्त पर 21,500 रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की धनराशि में से मृतक के भाई राघवेंद्र शुक्ला को 1,10,000 रुपये प्रतिकर के रूप में देने का आदेश हुआ है। फैसला सुनाए जाने के समय कोर्ट के बाहर क्षेत्राधिकारी नगर शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।