लखीमपुर के खीरी टाउन इलाके में दो साल के मासूम बच्चे के लिए गुब्बारा काल बन गया। खेलते समय मासूम के मुंह में गुब्बारा सांस नली में फंस गया। बच्चा गुब्बारे को फुलाने की कोशिश कर रहा था। परिजन उसे आननफानन में निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
खीरी के बाजार निवासी रविंद्र का दो वर्षीय पुत्र युग मंगलवार की सुबह घर में गुब्बारे से खेल रहा था। बताते हैं कि खेलते समय उसने गुब्बारा मुंह में रख लिया और फुलाने की कोशिश करने लगा। इसी बीच गुब्बारा मुंह में जाने से बच्चे ने उसे निगलने की कोशिश की। तभी गुब्बारा युग के मुंह के अंदर चला गया और सांस नली में फंस गया।
गुब्बारा फंसने से उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन उसे लेकर आनन-फानन लखीमपुर के एक निजी अस्पताल पहुंचे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बच्चे को देखकर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर के मुताबिक गुब्बारा युग की सांस की नली में फंस गया था। इसी वजह से उसकी मौत हो गई। उधर, दो साल के बच्चे की मौत से घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पास-पड़ोसी और सगे संबंधियों ने परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे।
फूटे गुब्बारे को फुलाने की कोशिश कर रहा था मासूम
मासूम युग के दादा-दादी समर सिंह व आशा देवी ने रोते हुए बताया कि सोमवार को घर सजाया गया था। जिसमें एक फूटा हुआ मासूम के हाथ आ गया और वह गुब्बारे को मुंह से फुलाने की कोशिश करने लगा। जैसे ही युग के गले में गुब्बारा फंसा तो उसने एक जोर से हिचकी ली। मुंह खोलकर देखा तो गुब्बारा फंसा होने का पता चला। युग की हालत बिगड़ रही थी।
चाचा और पिता रविंद्र सिंह उसे ई-रिक्शा से लेकर लखीमपुर गए। पिता रविंद्र ने बताया कि डॉक्टर के पास पहुंचे तो मासूम के होंठ और चेहरा नीला पड़ चुका था। डॉक्टर ने गुब्बारा तो निकाल दिया पर उसकी सांसे नहीं लौट पाए। युग ने उनके हाथों में ही दम तोड़ दिया। मासूम की मौत से मां नीलू के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।