उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहतभरी खबर है। ईंधन अधिभार शुल्क कम होगा। इसके लिए पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग में प्रथम तिमाही का प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। इसमें 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट कमी करने का प्रस्ताव दिया गया है। इससे बिना मीटर वालों को हर माह करीब 50.90 रुपया प्रति यूनिट फायदा मिलेगा।

वर्ष 2023-24 में पावर कॉरपोरेशन ने 30108 मिलियन यूनिट बिजली बेचने की दर से टैरिफ प्लान तय किया था, लेकिन 29858 मिलियन यूनिट ही बिजली दी गई। आकलन के दौरान लाइन लॉस आदि कम करने पर उपभोक्ताओं पर 26420 मिलियन यूनिट बिजली खर्च हुई। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन ने वर्ष 2023-24 प्रथम तिमाही को लेकर विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया है। इसके तहत अप्रैल, मई, जून में उपभोक्ताओं से लिए गए ईंधन अधिभार शुल्क को अगले तीन माह तक लौटाना होगा, जिसकी कुल कीमत 1055 करोड़ है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट तक कम ईंधन अधिभार शुल्क लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में बिना मीटर वाले घरेलू उपभोक्ताओं से अभी 500 रुपया प्रति किलो वाट प्रति माह की दर से शुल्क लिया जाता है। इसमें प्रति माह 50.90 रुपया प्रति किलोवाट की कमी की जाएगी। इसी तरह किसानों को प्रति हार्स पावर 48.43 रुपया कम दर पर शुल्क देना होगा।

इसके पहले जुलाई 2023 में 61 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से ईंधन अधिभार का प्रस्ताव दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया। आपत्तियां दाखिल की, जिसके बाद पावर कॉरपोरेशन पीछे हट गया। अब जारी प्रस्ताव में ईंधन अधिकार शुल्क के एवज में 35 पैसे प्रति यूनिट कमी के लिए अलग-अलग श्रेणी वार प्रस्ताव दाखिल किया गया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। घटाए गए दर पर दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने की मांग की ताकि उपभोक्ताओं को अगले तीन माह तक फायदा मिल सके। वर्मा ने बताया कि विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली निगमों पर पहले से ही करीब 33122 करोड़ रुपया बकाया चल रहा है। ऐसे में ईंधन अधिभार शुल्क व अन्य शुल्क किसी भी कीमत पर नहीं बढ़ाई जानी चाहिए।

श्रेणी वार उपभोक्ता प्रस्तावित ईंधन अधिभार कमी
घरेलू बीपीएल — 18 पैसे प्रति यूनिट
घरेलू सामान्य — 26 से 34 पैसे प्रति यूनिट
व्यवसायिक — 34 से 48 पैसे प्रति यूनिट
किसान — 13 से 30 पैसे प्रति यूनिट
नान इंडस्ट्रील बल्कलोड — 46 से रुपया 69 प्रति यूनिट
भारी उद्योग — 33 से 38 पैसे प्रति यूनिट

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