बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी पर आर्थिक चोट जारी है। वाराणसी जोन की पुलिस के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग भी लगातार कार्रवाई कर रही है। शनिवार को ईडी ने मुख्तार अंसारी की 73.43 लाख से अधिक की जमीन, एक इमारत और बैंक में जमा राशि अटैच की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है।

करीब चार दशक तक जरायम जगत में रहने वाले पूर्व विधाय बाहुबली बीते कई वर्षों से जेल में बंद है। वर्षों तक कानून को खिलौना समझने वाले, हर मामले में सजा से बचने वाले मुख्तार के लिए अब बाहर निकलने के रास्ते अब करीब-करीब बंद है। वाराणसी के अवधेश राय हत्याकांड मामले में उसे उम्रकैद की सजा मिली है। इसके अलावा भी कई अन्य मामलों में मुख्तार अंसारी सजाएफ्ता है।

बीते छह साल में मुख्तार अंसारी की अरबों की संपत्ति पर चोट जारी है। साल 2017 से 15 अगस्त 2022 तक दो अरब 80 करोड़ की संपत्तियों पर बुलडोजर गरजा और एक अरब 82 करोड़ से भी अधिक की धनराशि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई। मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ में सबसे अधिक ध्वस्तीकरण और जब्तीकरण की कार्रवाई हुई।

जमीन खरीद में मुख्तार के बेटे ने किया खेल

ईडी ने एक बयान में बताया कि अटैच की गई संपत्तियों में गाजीपुर जिले में मौजा रजदेपुर देहाती तहसील सदर में भूमि नंबर 604 पर स्थित 1538 वर्ग फुट की जमीन, इस पर बनी एक व्यावसायिक भवन और मऊ जिले में सदर तहसील के तहत मौजा जहांगीराबाद परगना में भूमि नंबर 169 पर स्थित 6020 वर्ग फुट का भूखंड शामिल है। इन संपत्तियों का मूल्य 73,43,900 रुपये है।

एजेंसी ने बताया कि ये संपत्तियां मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने 6.23 करोड़ रुपये की सरकारी दर के मुकाबले 71.94 लाख रुपये के कम मूल्य पर हासिल की थीं। इसके अलावा मुख्तार के बैक खाते में जमा 1.5 लाख रुपये भी अटैच किए। एजेंसी ने बताया कि यह कार्रवाई धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत अनंतिम आदेश जारी होने के बाद की गई।

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