दिल्ली से आयकर विभाग की टीम ने औद्योगिक क्षेत्र में स्थित बेस्ट क्रॉप साइंस लिमिटेड केमिकल फैक्टरी में छापा मारा। टीम कुछ सदस्य फैक्टरी में दीवार कूद कर दाखिल हुए और गेट खोला। सुरक्षा गार्ड के रोकने पर टीम ने उसकी फटकार लगाते हुए हटा दिया। जिसके बाद कोई भी रोकने या विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। टीम ने अधिकारी व कर्मचारियों के फोन जब्त कर बंद कर दिए हैं। टीम फैक्टरी के रिकॉर्ड खंगाल रही है।
औद्योगिक क्षेत्र में रेलवे लाइन किनारे नगर पालिका के वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के निकट केमिकल बनाने वाली औद्योगिक इकाई है। जिसमें केमिकल और फसलों में इस्तेमाल होने वाली कीटनाशक दवाएं बनाई जाती हैं। बताते हैं कि मंगलवार की सुबह छह बजे दिल्ली से आयकर विभाग की छह गाड़ियों में सवार हो अधिकारी और कर्मचारी फैक्टरी में पहुंचे। जिस गेट से माल को लाद कर वाहन बाहर जाते हैं, उसके बराबर गाड़ियां रुकते ही उनसे टीम के अधिकारी व कर्मचारी नीचे उतरे। उनके साथ पुलिस कर्मी भी थे। मेन गेट बंद था, लिहाजा टीम के सदस्य दीवार कूद कर अंदर दाखिल हुए और गेट खोल दिया। जिसके बाद टीम फैक्टरी में दाखिल हो गई।
भीतर पहुंचते ही टीम ने फैक्टरी के अधिकारी व कर्मचारियों को कब्जे में कर लिया। उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए। जो अंदर था, उसे बाहर नहीं जाने दिया और जो बाहर था, उसे अंदर नहीं आने दिया। गेट पर पुलिसकर्मी मुस्तैद कर दिए गए। बताया जाता है कि टीम ने फैक्टरी के कागजात खंगालने शुरू कर दिए। देखा कि यहां क्या और कितनी मात्रा में उत्पाद बनते हैं। उनकी बिक्री कहां-कहां होती है। रोजाना कितना माल बाहर भेजा जाता है। बाहर से फैक्टरी में क्या माल आता है। सीओ मंडी धनौरा श्वेताभ भास्कर ने पुष्टि करते हुए कहा कि टीम आई थी। अभी भी टीम कार्रवाई कर रही है।
रोकने पर सुरक्षा गार्ड को टीम ने हड़काया
आयकर विभाग की टीम में शामिल छह गाड़ियों का काफिला रुकते ही फैक्टरी के अधिकारी व कर्मचारी सकते में रह गए। दूसरे गेट पर गाड़ियों का काफिला पहुंचा और उसमें शामिल एक सदस्य ने दीवार कूद कर गेट खोला तो सुरक्षा गार्ड ने विरोध करते हुए उसे गेट खोलने से रोका। जिस पर टीम के साथ चल रहे पुलिसकर्मी ने आयकर विभाग की टीम बताते हुए सुरक्षा गार्ड को डांट लगाई। हिदायत दी कि कोई भी नहीं बोलेगा। टीम ने सुरक्षा गार्डों के मोबाइल भी कब्जे में कर लिए गए।
स्थानीय पुलिस को नहीं दी छापे की सूचना
आयकर विभाग की टीम की छापे की कार्रवाई इतनी गोपनीय रखी गई थी कि आस पास किसी को भनक नहीं लगने दी। गौर करने वाली बात यह है कि टीम ने स्थानीय पुलिस को भी नहीं बताया। थाने से सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस टीम साथ नहीं ली। वह पुलिस लाइन से टीम लेकर आए थे। थाना पुलिस को साथ लेने से गोपनीयता भंग होने का खतरा था।