तीर्थनगरी मथुरा के बरसाना में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां भीड़ के दबाव में महिला सहित दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। बताया कि अफवाह के बाद भगदड़ मच गई थी। शनिवार को हुए हादसे के बाद जिले में 39 दिन में तीन बड़े हादसे हो चुके हैं। इनमें सात श्रद्धालु गोलोकवासी हो गए तो करीब आधा दर्जन घायल हो गए। उनमें दो हादसे वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर के पास तो एक बरसाना में हुआ। 

मथुरा के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के पास पहला हादसा 15 अगस्त 2023 को हुआ। मंदिर से महज 200 मीटर पहले एक जर्जर मकान की पहली मंजिल बारिश के चलते ढह गई। हादसे में श्रीबांके बिहारी के दर्शन को आए पांच श्रद्धालुओं की दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। वहीं, पांच लोग घायल हो गए थे। मरने वालों में तीन कानपुर, एक देवरिया और एक वृंदावन की स्थानीय महिला शामिल थी। घायलों को सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती किया गया था।

दूसरा हादसा वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर के समीप ही हुआ। यहां 10 सितंबर 2023 की तड़के फिर एक जर्जर भवन की दीवार धराशायी हो गई। यह भवन श्रावण कुमार खेमका का बताया गया। गनीमत यह रही कि जिस समय दीवार गिरी उस समय बांके बिहारी मंदिर के पट बंद थे, इससे आसपास भीड़भाड़ नहीं थी। इससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। 

तीसरा हादसा शनिवार को बरसाना में हुआ। बरसाना में राधा अष्टमी पर दर्शन के लिए आई प्रयागराज की एक महिला सहित दो श्रद्धालुओं की शनिवार को मौत हो गई। मृतका की बेटी ने आरोप लगाया है कि सुबह 7 बजे दर्शन के लिए मंदिर जाते समय मां की तबीयत बिगड़ी। सुरक्षाकर्मियों से आधे घंटे तक डॉक्टर-एंबुलेंस बुलाने की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने मदद नहीं की और मां ने दम तोड़ दिया। 

वहीं, करीब 70 वर्षीय एक पुरुष का शव मिला, जिसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। दोनों मौतें लाडली जी मंदिर में भीड़ के दबाव में होने की अफवाह फैलते ही आई आगरा दीपक कुमार और स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने खंडन कर स्पष्ट किया कि मंदिर परिसर में किसी की जान नहीं गई। जहां मौत हुई वहां किसी प्रकार की भीड़ का दबाव नहीं था।

राजमणि (65) पत्नी शिव निवासी भोलापुरा बल्दी, तंबाकू वाली गली, प्रयागराज अपनी बहन शोभा व बेटी प्रीती के साथ शुक्रवार को राधा रानी के दर्शन को बरसाना पहुंची थी। बेटी प्रीति ने बताया कि वह राधा रानी रसोई के पास रुकी थी। रात में ही मां की तबीयत खराब हो गई थी। उनका शुगर लेवल बढ़ गया था। रात को दवा देने के बाद तबीयत स्थिर हुई। 

सुबह 7 वह मौसी शोभा व मां राजमणि को लेकर लाडली जी मंदिर जा रही थी। तभी कटरा चौक के पास मां की तीबयत बिगड़ गई। पास ही मौजूद सुरक्षाकर्मियों से मदद की गुहार लगाते हुए डॉक्टर व एंबुलेंस बुलाने को कहा। सुरक्षाकर्मी उनसे पूछताछ में लगे रहे और फोन कर डॉक्टर, एंबुलेंस बुलाने का आश्वासन देते रहे। इस पूरे घटनाक्रम में करीब आधे घंटे का समय बीत गया और मां अचेत हो गई। उन्हें स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

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