मुंबई से आगरा कैंट तक जाने वाली लश्कर एक्सप्रेस के शौचालय में एक लाश 17 घंटे पड़ी रही। दुर्गंध आने पर यात्रियों ने इसकी सूचना रेलवे को दी। इसके बाद ट्रेन के झांसी आने पर मशक्कत के बाद शौचालय का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला गया। शव के पास से मिले आधार कार्ड के जरिये उसकी पहचान की गई है।

गाड़ी संख्या 12161 लश्कर एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-11 के यात्रियों ने रेलवे को सूचना दी कि कोच के शौचालय से दुर्गंध आ रही है। शौचालय का दरवाजा खुल नहीं रहा है और अंदर यात्री भी है। 

इस पर ट्रेन के शनिवार की सुबह 11.25 बजे प्लेटफार्म नंबर पांच पर पहुंचने पर डिप्टी एसएस एसके नरवरिया और रेल चिकित्सक डॉ. रविंद्र चौधरी जीआरपी की टीम के साथ कोच में पहुंच गए। शौचालय का दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं था। उसमें दो इंच का फासला था, जिससे झांककर देखने पर अंदर एक व्यक्ति पड़ा दिखाई दिया। 

इस पर लोहे की रोड फंसाकर दरवाजे को मुश्किल से खोला गया। अंदर लगभग 40 साल का एक युवक पड़ा हुआ था। उसके नाक से खून बह रहा था, जबकि शरीर नीला पड़ चुका था। रेल चिकित्सक ने उसकी 16-17 घंटे पहले मौत होने का अनुमान जताया। बाद में शव की तलाश में उसकी जेब से पांच हजार रुपये और आधार कार्ड मिला। 

आधार कार्ड के जरिये शव की पहचान जिला जालौन के थाना रमपुरा निवासी महेश के रूप में की गई है। जीआरपी ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस बीच लश्कर एक्सप्रेस तकरीबन डेढ़ घंटे तक झांसी स्टेशन पर खड़ी रही।

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