सपा नेता की बद्जुबानी से नाराज इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और पूर्व सपा नेत्री ऋचा सिंह ने डीजीपी और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। ऋचा सिंह ने कहा कि सपा नेता ने यह टिप्पणी पार्टी के इशारे पर की है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी बराबर के जिम्मेदार हैं। साथ ही ऋचा सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अखिलेश यादव पर निशाना साधा।

समाजवादी पार्टी से निष्कासित डॉ. ऋचा सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया है। साथ ही ऋचा सिंह ने ट्वीट में यूपी पुलिस को टैग करके सपा के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद उन्होंने शिवकुटी थाने में मनीष के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। ऋचा सिंह ने कहा है कि मनीष के द्वारा की अमर्यादित टिप्पणी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश भी बराबर के जिम्मेदार है। उसने पार्टी के ईशारे पर ही इस तरह की अभद्र और घिनौनी टिप्पणी उनके खिलाफ की है। बता दें कि मनीष जगन अग्रवाल ने ऋचा सिंह पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी करते हुए उनके लिए विश्वविद्यालय की डॉगी, वैशाली की नगरवधु जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था।

सपा के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल ने ऋचा सिंह के खिलाफ कई ट्वीट कर अभद्र टिप्पणियां की थीं। उन्होंने ऋचा के लिए वैशाली की नगरवधू जैसे अपमानजनक शब्द लिखे हैं। अग्रवाल ने लिखा कि ऐसी नगरवधुओं को गांव गिराव में चुलहट कहा जाता है। मनीष जगन ने अपने ट्वीट में ऋचा को घिनही – गंधइली और खजही डॉगी बताया। दरअसल ऋचा सिंह की एक पोस्ट के जवाब में मनीष जगन अग्रवाल ने कई ट्वीट किए हैं। ऋचा सिंह ने इससे पहले मनीष जगन अग्रवाल को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा था।

सीएम और डीजीपी से एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग ऋचा सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी से मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। डॉ ऋचा सिंह ने डीजीपी को ईमेल के जरिए पत्र भेजकर एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को भी हस्तक्षेप के लिए पत्र भेजा है। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी चिट्ठी भेजकर इस मामले में सख्त कदम उठाए जाने की मांग की है।

क्या था पूरा मामला

ऋचा सिंह ने नाम लिए बिना ही लिखा था कि एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ना जाने किस मजबूरी में लंपट, महिला विरोधी व अराजक तत्व को बचाने के लिए डीजीपी ऑफिस चले जाते हैं। मनीष जगन अग्रवाल को इसी साल जनवरी महीने में सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत भाजपा के कई अन्य नेताओं के खिलाफ अमर्यादित पोस्ट करने के मामले में बीजेपी नेत्री ऋचा राजपूत ने मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। तब मनीष जगन अग्रवाल को छुड़ाने के लिए अखिलेश यादव लखनऊ में डीजीपी ऑफिस पहुंच गए थे। वहां उनकी पुलिस वालों से तीखी झड़प भी हुई थी। बाद में मनीष जगन अग्रवाल को जमानत पर छोड़ा गया था।

अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बर्खास्त

सपा के टिकट पर इलाहाबाद की शहर पश्चिमी सीट से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के खिलाफ वर्ष 2017 और 2022 में विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं ऋचा सिंह को पार्टी ने इसी साल अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। वह पार्टी की प्रवक्ता भी रह चुकी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सपा में शामिल होने के बाद अगड़ों पिछड़ों को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद ऋचा सिंह मुखर हो गई थीं। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा अगड़ी जाति के लोगों पर निशाना साधे जाने और रामचरितमानस पर सवाल उठाए जाने पर एतराज जताए जाने की वजह से समाजवादी पार्टी ने ऋचा सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। ऋचा सिंह ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत की थी।

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