अफगानिस्तान जाकर आतंकी ट्रेनिंग हासिल करके देश में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के मंसूबे पालने वाले संदिग्ध आतंकी अहमद रजा को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस की सहारनपुर यूनिट की टीम ने बृहस्पतिवार को अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहीउद्दीन से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्त में ले लिया। उसके मोबाइल की गैलरी में हथियारों की फोटो, चैट के स्क्रीन शॉट व जिहादी वीडियो मिले हैं। इस बारे में पूछताछ में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। एटीएस उसके साथी जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग निवासी फिरदौस को तलाश रही है।

स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से सूचना मिली थी कि मुरादाबाद के मूढ़ा पांडे के ग्राम मिलक गुलड़िया निवासी अहमद रजा सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन व पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर्स के लगातार संपर्क में है। वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी कमांडो ट्रेनिंग लेकर, भारत में आतंकी घटना अंजाम देने का मंसूबा बना रहा है। उसके खिलाफ एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उसे अदालत में पेश कर रिमांड पर लेने का प्रयास किया जा रहा है। उसके मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। उसके पास से दो मोबाइल, तीन सिमकार्ड और 1220 रुपये नगद बरामद हुए है।

शरिया कानून लागू करना था मकसद
पूछताछ में सामने आया कि अहमद रजा पाकिस्तान व अफगानिस्तान में लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठन के मुजाहिदीनों से प्रभावित है। वह आतंकियों की जिहादी सोच और कार्यवाहियों पर बहुत विश्वास करता है। उसने भारत में काफिरों व काफिर सरकार के खिलाफ जिहाद करके जम्हूरियत की सरकार को हटाकर शरिया कानून लाने को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया था। इसके लिए वह हिजबुल मुजाहिदीन पीर पंजाल तंजीम से जुड़े हुए सीनियर मुजाहिद साथी अनंतनाग निवासी फिरदौस के लगातार संपर्क में था। फिरदौस ने ही इसे हिजबुल मुजाहिद्दीन पीर पंजाल में शामिल होने की शपथ दिलवाई थी।

हिजबुल से जुड़ने की देता था दावत
भारत में जिहाद करने एवं अपनी तंजीम को मजबूत बनाने के लिए इसे अपने सीनियर मुजाहिद साथियों (अमीरों) से हिदायत मिली थी कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिहादी बनाकर अपनी तंजीम से जोड़े। इसके लिए अहमद लोगों से मिलकर और सोशल मीडिया के जरिए हिजबुल मुजाहिदीन में जुड़ने की दावत देता था। साथ ही, सोशल मीडिया पर जिहादी वीडियो पोस्ट करता था। वह फिरदौस व पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर के कहने पर दो बार श्रीनगर और अनंतनाग हथियारों की ट्रेनिंग लेने गया था। वह देश के संविधान और सरकार को नहीं मानता है। उसे भरोसा है कि एक न एक दिन भारत में भी शरिया लागू होगा।

अहसान गाजी की मदद से बद्री कमांडो बनना चाहता था अहमद रजा
यूपी एटीएस की गिरफ्त में आए हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के मंसूबे बेहद खतरनाक हैं। वह जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के जंगलों में दो बार हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद बावजूद और घातक हथियारों की ट्रेनिंग हासिल करना चाहता था। उसने जब अपने मंसूबों के बारे में पाकिस्तानी हैंडलर अहसान गाजी को बताया, तो गाजी ने उसे बद्री कमांडो बनने की सलाह दी। इसके बाद अहमद रजा पर अफगानिस्तान जाकर बद्री कमांडो बनने की ट्रेनिंग लेने का जुनून सवार हो गया।

दरअसल, अफगानिस्तान में बद्री कमांडो की यूनिट का खौफ है। हक्कानी नेटवर्क से कमांडो ट्रेनिंग हासिल करने के बाद अमेरिकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस बद्री कमांडो की यूनिट दुनिया भर के सारे आतंकी संगठनों में सबसे खतरनाक मानी जाती है। बताया जाता है कि इस यूनिट का नाम 1400 साल पहले बद्र की लड़ाई के नाम पर पड़ा। इस लड़ाई में 313 लोगों ने पूरी एक दुश्मन सेना को शिकस्त दी थी। वहीं, जब अमेरिका अफगानिस्तान छोड़कर गया तो करीब नौ लाख हथियारों, बख्तरबंद वाहनों पर तालिबान लड़ाकों ने कब्जा कर लिया। इनका इस्तेमाल अब बद्री यूनिट करती है। इसमें बुलेटप्रूफ जैकेट, अत्याधुनिक राइफल, नाइट विजन उपकरण, ब्लैक हॉक हैलीकॉप्टर आदि शामिल हैं।

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