उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद गैंग के मददगार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में जिले में तैनात 17 अन्य पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है। प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण करते हुए उन्हें अलग-अलग जनपदों और पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में भेजा गया है। इससे पहले भी आठ पुलिसकर्मियों को हटाया गया था। जिन पुलिसकर्मियों को हटाया गया है उनमें एक दरोगा, एक उर्दू अनुवादक, चार सिपाही और 11 हेड कांस्टेबल शामिल हैं। इनमें सिपाही मोहम्मद आमिर खान को गोंडा, मेराज खान को जालौन, मोहम्मद आकिब रजा खान को सीतापुर, अरशद खान को आगरा उर्दू अनुवादक मुनव्वर खान को हाथरस भेजा गया है।
इसी तरह हेड कांस्टेबल जावेद खान को हरदोई, तौफीक खान को औरैया सरफराज खान को फतेहगढ़, सिराज अहमद खान को एटा, अफरोज खान को इटावा, अफरोज खान द्वितीय को हमीरपुर, नौशाद को बलरामपुर, मोहम्मद बाबर खान को अमरोहा, मोहम्मद शाहिद खान को बागपत, इरशाद अहमद सिद्दीकी को बुलंदशहर, मोहम्मद शाह आलम को पीलीभीत ट्रांसफर किया गया है। जबकि एसआई मेराज खान को पीटीसी मुरादाबाद में नई तैनाती दी गई है। इनके स्थानांतरण का जो हवाला दिया गया है वह प्रशासनिक आधार बताया गया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इन सभी के बारे में शासन तक शिकायत पहुंची थी। इस बात की भी चर्चा है कि यह सभी अतीक अहमद गैंग के मददगार हैं।
थाना पुलिस से लेकर एसओजी तक में है मददगार
सूत्रों के मुताबिक जनपद में तैनात कुछ पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो अतीक अहमद और उनके गुर्गों से ताल्लुक रखते हैं और लगातार उनकी मदद करते आ रहे हैं। थाना पुलिस से लेकर एसओजी तक में ऐसे पुलिसकर्मी तैनात हैं। इन पुलिसकर्मियों ने अतीक और उसके गुर्गों की मदद से ही तमाम संपत्ति अभी बनाई हैं। किसी ने बेशकीमती जमीन खरीद ली है तो किसी ने आलीशान मकान बनवाया है। एसओजी में तैनात एक सिपाही के बारे में तो यहां तक चर्चा है कि उसके संबंध ना सिर्फ अतीक अहमद बल्कि माफिया मुख्तार अंसारी से भी हैं। पिछले दिनों पेशी पर जिला कचहरी लाए जाने के दौरान मुख्तार का उससे बातचीत करते वीडियो भी वायरल हुआ था, जो काफी चर्चित रहा था।