नई सड़क हिंसा के मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को हिंसा से जुड़े दो और मुकदमों में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। एक अन्य मुकदमे में पहले ही जमानत मिल चुकी है लेकिन हयात पर रासुका के तहत भी कार्रवाई होने के कारण अभी जेल से उसकी रिहाई नहीं हो सकेगी।
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में हयात ने जून 2022 को बाजार बंदी का आह्वान किया था। बंदी की आड़ में नई सड़क पर हिंसा हो गई थी। हिंसा की आड़ में परेड स्थित चंद्रेश्वर हाता खाली कराने की योजना भी बनाई गई थी। जिसके बाद बेकनगंज थाने में अलग-अलग तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे।
एक मुकदमा बेकनगंज इंस्पेक्टर नवाब अहमद, दूसरा मुकदमा बेकनगंज एसएसआई मो. आरिफ और तीसरा मुकदमा चंद्रेश्वर हाते के निवासी मुकेश ने दर्ज कराया था। जांच में मुख्तार बाबा, हाजी वसी व डी-टू गैंग से जुड़े अपराधियों के नाम भी सामने आए थे। मुकदमे में कई आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
अधिवक्ता मो. सलीम ने बताया कि हयात लगभग नौ माह से जेल में बंद है। इंस्पेक्टर नवाब अहमद द्वारा दर्ज किए गए एक मुकदमे में हयात को 14 मार्च को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। दो अन्य मुकदमों में शुक्रवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। सलीम ने बताया कि हयात की रिहाई में अब सिर्फ रासुका ही रोड़ा बनी है। इसके खिलाफ भी याचिका हाईकोर्ट में दाखिल है। जल्द ही सुनवाई होने की उम्मीद है।