शासन के निर्देश पर जिला जेल प्रशासन की भूमिका की जांच हो रही है। शुक्रवार को भी पूरे दिन इसकी रिपोर्ट तैयार की जाती रही। जेल के एक बड़े अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

जिला जेल में बंद अशरफ को सहूलियतें किसी आरक्षी के रहम-ओ-करम से नहीं मिल रही थीं। सूत्र बताते हैं कि जेल में आते ही अशरफ ने बिना किसी काम के ही सुविधा शुल्क बांटना शुरू कर दिया था। उसकी बैरक के पास जिन सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती थी, उन्हें बिना किसी काम के उपकृत किया जाता था। जो सुरक्षाकर्मी इससे इनकार कर देते थे, उनकी ड्यूटी दोबारा वहां नहीं लगती थी। सूत्रों की मानें तो जेल में नीचे से ऊपर तक सुविधा शुल्क बांटा जा रहा था। जेल के एक और वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है। सद्दाम, लल्ला गद्दी व उनके गुर्गों के गिरफ्तार होने पर इसका खुलासा होने के आसार हैं।

जांच रिपोर्ट तैयार, शासन से होगी कार्रवाई
डीजी जेल ने जिला जेल में हो रही धांधली की जांच प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडेय को सौंपी है। दो दिन में उनसे रिपोर्ट तलब की गई थी। शुक्रवार को दूसरे दिन भी वह जिला जेल पहुंचे। वहां बयान दर्ज करने से लेकर अन्य बिंदुओं पर जांच पूरी की। शुक्रवार शाम तक रिपोर्ट तैयार कर ली गई। सूत्रों के मुताबिक इसे डीजी जेल को भेजा जाएगा। अन्य दोषियों पर इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी।

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