राजधानी लखनऊ में होटल में लगी आग से 4 की जान जाने के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई। मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित होटल लेवाना को सील करने और विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए ध्वस्तीकरण के निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं। शासन ने इस अग्निकांड में मंडलायुक्त और पुलिस आयुक्त को जांच सौंपी है। इसी क्रम में मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने निर्देश जारी किए हैं। साथ ही जिन होटलों ने एलडीए को नोटिस मिलने के बाद कोई दस्तावेज नहीं दिए हैं, उनको सील करने के निर्देश भी दिए हैं।
मंडलायुक्त और एलडीए अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब ने चिट्ठी में लिखा है कि इस होटल के बारे में उपाध्यक्ष ने जानकारी दी है। उसके अनुसार 12 मई को नोटिस के जवाब में लेवाना सूईट्स होटल ने 2021 से 2024 तक की अग्निशमन विभाग की फायर एनओसी प्रस्तुत की है। मंडलायुक्त के अनुसार होटल में फायर एस्केप प्रणाली का अभाव है। फसाड पर लोहे की ग्रिल हैं फिर भी एनओसी कैसे मिल गई यह जांच का विषय है।
इसके अलावा होटल मालिक ने एलडीए को कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिया। जोनल अधिकारी ने इसी साल मई में नोटिस भेजा। इसका होटल ने जवाब भी नहीं दिया। इस पर 28 अगस्त को विहित प्राधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया गया। कमिश्नर ने सीलिंग की कार्रवाई तुरंत करते हुए विधिक प्रक्रिया पूरी कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।