छब्बीस साल निष्ठापूर्वक देश की सेवा करने वाले लखनऊ निवासी मानेन्द्र कुमार सिंह को केवल दो महीने के चिल्ड्रेन एलाउंस के लिए सेना कोर्ट लखनऊ में मुकदमा दायर करना पड़ा।
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मामला यह था कि याची सन 1990 में सेना की सिग्नल कोर में भर्ती होकर 26 वर्ष की सैन्य सेवा करके वर्ष,2016 में रिटायर भी हो गया लेकिन, उसका वर्ष 2012 का दो महीने का चिल्ड्रेन एलाउंस रु.3995/- नहीं दिया जबकि वह लगातार इसकी मांग लिखित रूप से करता रहा l
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मजबूर होकर उसे वर्ष 2021 में सशत्र-बल अधिकरण लखनऊ में मुकदमा दायर करना पड़ा याची केअधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय सुनवाई के दौरान दलील दी कि इतने छोटे एमाउंट के लिए वृद्ध सैनिक को अपने उन अधिकारों के लिए कोर्ट आना पड़ रहा है जो उसे उसी समय मिल जाना चाहिए था, जबकि वह सभी आवश्यक दस्तावेज रक्षा-मंत्रालय को सौंप चुका था और, पार्ट-2आर्डर भी हो चुका था इसके बावजूद याची को पैसा नहीं दिया गया जिस पर भारत सरकार द्वारा जोरदार विरोध किया गया लेकिन, न्यायमूर्ति उमेश चन्द्र श्रीवास्तव एवं वाईस एडमिरल अभय रघुनाथ कार्वे की खण्ड-पीठ ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि याची को छः प्रतिशत ब्याज के के साथचार महीने के अंदर चिल्ड्रन एलाउंस रु० 3995/ दिया जाए यदि सरकार नियत समय के अंदर आदेश का पालन नहीं करती तो उसे चौदह प्रतिशत ब्याज के साथ वापसी करनी होगी।
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