यूपी विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए कितनी अहमियत रखता है और वह इसे जीतने के लिए कितना ज़ोर लगा रही है यह इस बात से साबित होता कि अखिलेश यादव ने दूसरी बार 82 वर्ष के हो चुके पिताश्री और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को चुनाव के मंच पर उतार दिया।
निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें
इससे पहले 17 फरवरी को अखिलेश यादव के लिए चुनावी मंच पर पहंचे थे और आज दूसरी बार पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव के लिए. बढ़ती उम्र और बीमारी से घिरे होने के बाद भी पूर्वांचल में जौनपुर की मल्हनी सीट पर मुलायम वोट मांगने पहुंचे, जहां से बाहुबली धनंजय सिंह की राजनीतिक क़िस्मत दांव पर लगी है?
अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
2017 में भी मुलायम ने मल्हनी से समाजवादी पार्टी के दबंग नेता पारस नाथ यादव के लिए वोट मांगते हुए भावुक भाषण दिया. वो मंच पर चढ़े और कहा- हम पारस के लिए आए हैं, आप लोग इन्हें जिताएं. मुलायम ने पारस यादव का हाथ अपने हाथों में लिया और जनता की ओर उठाते हुए अभिवादन किया.
‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
उनकी इस अपील के बाद जौनपुर की मल्हनी सीट पर पूरा खेल पलट गया. निषाद पार्टी के टिकट पर लड़ रहे धनंजय सिंह 11 हज़ार वोटों से पारस नाथ यादव से हार गए. इसके बाद पारसनाथ अखिलेश कैबिनेट में मंत्री भी बने.