मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां उत्तर प्रदेश ग्राम उत्कर्ष समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सही मायने में सरकार ग्राम पंचायत क्षेत्र में ही कार्य करती है। विकास की धुरी का आधार ग्राम पंचायतें ही हैं। इसमें ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि आज का यह समारोह ग्राम प्रधानों से विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आहूत किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने, प्रमुख क्षेत्र पंचायत का मानदेय 9800 से बढ़ाकर 11300 रुपये प्रतिमाह करने तथा अध्यक्ष जिला पंचायत का मानदेय 14000 से बढ़ाकर 15500 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 1000 रुपये प्रति बैठक से 1500 रुपये प्रति बैठक अधिकतम 06 बैठक वार्षिक करने की घोषणा की। उन्होंने क्षेत्र पंचायत सदस्य का मानदेय 500 रुपये प्रति बैठक से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बैठक अधिकतम 06 बैठक वार्षिक करने की घोषणा की। उन्होंने सदस्य ग्राम पंचायत, जिन्हें पूर्व में कोई मानदेय नहीं मिलता था, के लिए 100 रुपये प्रति बैठक अधिकतम 12 बैठक वार्षिक करने की भी घोषणा की।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत कोष के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों के पद पर रहने के दौरान मृत्यु की दशा में ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष जिला पंचायत के मृतक आश्रितों को 10 लाख रुपये, सदस्य जिला पंचायत को 05 लाख रुपये, सदस्य क्षेत्र पंचायत को 03 लाख रुपये एवं सदस्य ग्राम पंचायत को 02 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगले तीन माह के अंदर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज, लखनऊ एवं अहिरोरी, हरदोई) में इनका पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला योजना समिति में 02-02 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में 01 वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जाएंगे।
इसके अलावा, प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान/पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठकर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से समीपवर्ती एवं सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए पूरे प्रदेश में 15000 क्लस्टर बनाए गए हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 से अच्छा कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित करना शुरू किया। आज इस कार्यक्रम के दौरान यहां 346 ग्राम पंचायतें सम्मानित हुई हैं। इनमें से 05 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज यहां 42,478 ग्राम सचिवालयों का लोकार्पण समारोह भी सम्पन्न हो रहा है। इसके लिए सभी ग्राम प्रधान बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास को दिशा देने के उद्देश्य से प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों के निर्माण का कार्य प्रारम्भ होगा। इन ग्राम सचिवालयों के सक्रिय होने से गांवों के विकास में तेजी आएगी। कार्यों को तेजी से सम्पन्न करने के उद्देश्य से हर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सहायक की तैनाती की गयी है। अब विकास की धुरी ग्राम सचिवालय होगा। इन ग्राम सचिवालय में ग्राम प्रधान के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधिगण तो बैठेंगे ही, उनकी सहायता के लिए ग्राम सहायक भी उपलब्ध रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत में बी0सी0 सखी गांव के लोगों को उनके द्वार पर ही बैंकिग सेवा उपलब्ध करायेंगी। अब लोगों को जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक, तहसील और जिले का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब इन्हें कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से हर ग्राम पंचायत में ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक गांव के विकास की कार्ययोजना, विकासखण्ड की कार्ययोजना नहीं बन पाती थी। अब ग्राम प्रधान किसी भी इम्पैनल्ड इंजीनियर की सहायता से अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों के विकास में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने देगी। विकास कार्य के लिए पर्याप्त मात्रा में पैसा दिया जाएग। ग्राम प्रधान, पंचायत प्रतिनिधि, क्षेत्र पंचायत के प्रमुख, जिला पंचायत के अध्यक्ष/सदस्य इन सभी को गांवों के विकास के लिए सम्मिलित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास कार्य के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा खड़ी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप अब हमें केवल स्मार्ट सिटी ही नहीं, स्मार्ट विलेज की तरफ भी जाना है। उन्होंने गांवों को स्मार्ट गांव बनाने के लिए सबका आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री जी की स्मार्ट गांव की परिकल्पना को साकार करना होगा। अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के गांवों का यदि विकास हो गया तो उत्तर प्रदेश देश के अंदर नम्बर एक राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांवों के विकास के लिए सांसदों, विधायकों तथा भारत सरकार के साथ मिलकर सभी प्रयास किए हैं।