अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की अल्पसंख्यक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलमा और संगठनों ने ऐतिहासिक बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1967 के अपने उस निर्णय को पलट दिया। इसमें कहा गया था कि एएमयू को एक अधिनियम के तहत बनाया गया था। इसलिए वह अल्पसंख्यक दर्जे का दावा नहीं कर सकता है। अब एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर एक नियमित बेंच के समक्ष विचार किया जाएगा कि क्या वास्तव में इसे अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित किया गया था।

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि एएमयू की स्थापना मुस्लिमों द्वारा, मुस्लिम शिक्षा के लिए, मुस्लिम समुदाय के दान से की गई थी। ऐसे में एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जाएगा, तो किस संस्थान को अल्पसंख्यक संस्थान कहा जाएगा। फिर अनुच्छेद 30 का वास्तविक अर्थ क्या है?

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