बाराबंकी– तहसील रामनगर कस्बे में परंपरा की दृष्टि से प्रत्येक वर्ष रामलीला में लंका दहन के बाद दूसरे दिन भगवान श्री राम की राजगद्दी का आयोजन किया जाता है जिसमें सर्वप्रथम भरत मिलाप का कार्यक्रम होता है जिसको स्थानीय कलाकारों द्वारा श्री राम और भरत के चरित्र को जीवंत पेश किया जाता है लोग पुष्प की वर्षा करते हैं दृश्य तो देखने वाला ही होता है राजाराम और भरत के मिलाप के बाद राज गद्दी का आयोजन किया जाता है इस राजगद्दी के आयोजन में राज परिवार का राजा सर्वप्रथम भगवान श्री राम लक्ष्मण सीता भरत शत्रुघ्न हनुमान जी आदि स्वरूपों की पूजा अर्चना भोग आदि लगता है यह परंपरा कई वर्षों से चली जा रही है अभी कुछ माह पूर्व रामनगर स्टेट के राजकुमार की मृत्यु हो गई थी इसके बाद उनकी पुत्री को स्टेट की राजकुमारी घोषित किया गया और उनका राजतिलक भी किया गया इस बार राजगद्दी के कार्यक्रम में स्टेट की राजकुमारी का आगमन हुआ और उन्होंने पुरानी परंपराओं को निभाते हुए पूरी तन्मयता के साथ पिता के दायित्व का निर्वहन करते हुए रीति रिवाज का पालन किया जिसे देखकर जनमानस गदगद उठा राजकुमारी के साथ में रानी साहिबा भी साथ में आई थी इस बार राजगद्दी के दृश्य को देखकर लोग तालियां बजाने को मजबूर हो गए और यह कह रहे थे कि चलो राजशाही परिवार द्वारा परंपरा अभी भी बनी हुई है।