एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के गांव तिगरा भमोरा निवासी बुजुर्ग का अंतिम संस्कार हिंदू और ईसाई धर्म के बीच फंस गया। मृतक का पुत्र व भतीजे हिंदू धर्म से अंतिम संस्कार करना चाह रहे थे, जबकि पत्नी ईसाई धर्म से ही पति का अंतिम संस्कार करने की बात कह रहीं थीं। मामला बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने पत्नी की भावना देख मृतक का अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के अनुसार कराया।

गांव तिगरा भमोरा निवासी रामप्रकाश का बेटा जितेन्द्र शाक्य परिवार के साथ दिल्ली में रहता था। बताया गया तीन वर्ष पूर्व अपनी पत्नी रेखा देवी की सहमति से ईसाई धर्म अपनाया था। शनिवार को रामप्रकाश अपनी पत्नी रेखा देवी के साथ चंडीगढ़ में रविवार को होने वाले ईसाई धर्म के कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। वहीं, ह्रदयघात के चलते उनकी की मौत हो गई। परिजन शव को गांव ले आए। जहां मृतक के भतीजों ने अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से करने की बात कही। 

मृतक की पत्नी रेखा देवी ने विरोध किया। उनका कहना था कि हम लोग ईसाई धर्म को मानते हैं। इसलिए शव को दफनाया जाएगा। मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर पीआरवी जा पहुंची। जहां पत्नी की इच्छा के अनुसार उसके पति का ईसाई धर्म से अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के बेटे जितेन्द्र शाक्य ने बताया पिता का अंतिम संस्कार पटियाली के पादरी मनोज शाक्य से ईसाई धर्म के विधि-विधान कराया है। सीओ अलीगंज सुधांशु शेखर ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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