किशोरी दुष्कर्म कांड की सह आरोपी पीड़िता की बुआ की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है। उसे साक्ष्य मिटाने तथा षड़यंत्र में शामिल होने के आरोपों में जेल भेजा गया था। बहुचर्चित किशोरी दुष्कर्म कांड के मुख्य आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव का साथ देने वाली पीड़िता की बुआ को पुलिस ने साक्ष्य मिटाने और षड़यंत्र में शामिल होने के आरोप में सह आरोपी बनाया है।
इसके बाद उसने नवाब सिंह के भाई नीलू यादव से 10 लाख रुपये में समझौता किया और पीड़िता का बयान तथा मेडिकल न कराने का आश्वासन दिया था। पुलिस के मुताबिक उसने विवेचना को प्रभावित किया था, जिसके आधार पर उसे सह आरोपी बनाया गया है। आरोपी बुआ के अधिवक्ता ने उसे निर्दोष बताते हुए कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट में अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष के बीच बहस हुई, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस के पास प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने के कारण कोर्ट ने बुआ की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
जल्द दाखिल होगी चार्जशीट
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है। मामले के विवेचक सदर कोतवाल कपिल दुबे को आरोप पत्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही आरोपी नवाब सिंह यादव, नीलू यादव व पीड़िता की बुआ के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा।