कंगन रनौत दो वजहों से चर्चाओं में हैं। पहली वजह किसानों को लेकर दिए गए उनके बयान और दूसरी वजह उनकी आने वाली फिल्म इमरजेंसी। यूपी की राजधानी लखनऊ में सोमवार को इन दोनों के खिलाफ प्रदर्शन हुए। आम आदमी पार्टी ने कंगना की टिप्पणी पर तीखा विरोध किया तो उधर लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अभिनेत्री व सांसद कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल बैन लगाने की मांग की

किसानों पर भाजपा सांसद कंगना रनौत की टिप्पणी के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) किसान प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कमांडो के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के तहत पार्टी कार्यालय से कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला। कुछ दूरी पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इन सभी को रोक लिया। कार्यकर्ताओं ने भाजपा और कंगना के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ईको गार्डन पहुंचा दिया। यहां किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कंगना किसानों को बलात्कारी और हत्यारा कह रही है। भाजपा को कंगना पर कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा किसान विरोधी है। प्रदर्शन में लखनऊ जिलाध्यक्ष ईरम रिजवी, प्रदेश प्रवक्ता संजीव निगम, प्रदेश महासचिव नीरज छोकर, राम गुप्ता, अरविंद उपाध्याय, इश्मा जहीर, परवेज चौधरी आदि शामिल थे।

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अभिनेत्री व सांसद कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर तत्काल बैन लगाने की मांग की है। कमेटी अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा, महामंत्री सरदार हरपाल सिंह जग्गी, प्रवक्ता सरदार सतपाल सिंह मीत ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कंगना रनौत सिख समुदाय के लोगों को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है और फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। फिल्म में सिख समाज के खिलाफ भड़काऊ दृश्य दिखाए गए हैं। उन्होंने कहा, कंगना को माफी मांगनी होगी और प्रदर्शन से पूर्व लखनऊ की गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, एसजीपीसी दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व श्री अकाल तख्त साहिब को फिल्म दिखाकर संतुष्ट किया जाए।

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