हाथरस के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन हर्ष अग्रवाल के न्यायालय ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पति को दोषी करार देते हुए 5 साल 6 माह कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
जनपद बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र के पवन बिहार निवासी रोहित अग्रवाल पुत्र अमरनाथ अग्रवाल ने कोतवाली सदर में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि बहन शिवानी अग्रवाल का विवाह सचिन मित्तल पुत्र ओमप्रकाश मित्तल निवासी हाथरस के मोहल्ला नवीपुर खुर्द के साथ हुआ। शादी के बाद पता चला कि सचिन शराब पीने व गुटका खाने का आदी है।
आरोप था कि शराब पीकर बहनोई ने बहन को बुरी तरह पीटा। 28 फरवरी 2016 को मेरे भांजे कृश अग्रवाल उर्फ कृष्णा ने फोन करके बताया कि शिवानी ने फांसी लगा ली है। घर में तलाशी ली तो ड्रेसिंग टेबल से सुसाइड नोट मिला। उसमें पति व ससुराल वालों के अत्याचार से तंग होकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडीजीसी शिवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि विवेचक ने विवेचना करते हुए न्यायालय में पति सचिन मित्तल व ससुर ओमप्रकाश मित्तल के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन हर्ष अग्रवाल के न्यायालय में हुई। दौरान विचरण मुकदमा आरोपी ओमप्रकाश मित्तल की मृत्यु हो गई। उनके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त की गई। न्यायालय ने इस मामले में आरोपी पति सचिन मित्तल को दोषी करार देते हुए पांच साल छह माह कैद की सजा सुनाई है।