मैं जब बॉलिंग के लिए उतरता था तो एक ही बात दिमाग में रहती थी कि रोवर्स मैदान के बच्चे मुझे गेंदबाजी करता देख रहे होंगे। ऐसे में फोकस इस पर रहता था कि गेंदबाजी ऐसी करूं कि उनको फक्र महसूस हो। ये बातें टी-20 विश्वकप टीम के सदस्य रहे चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ स्थित एक होटल में आयोजित सम्मान समारोह में कहीं।
उन्होंने कहा कि यूपी में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। भविष्य में यूपी से कई बेहतर खिलाड़ी निकलेंगे। उन्होंने बताया कि पिछली बार जब विश्वकप हारे तो बहुत दुख हुआ था, कई रातों तक नींद नहीं आई थी। कुछ समय के लिए डिप्रेशन में भी था। उस हार से काफी कुछ सीखा और आगे बढ़े इसी का नतीजा है कि इस बार टी-20 विश्वकप में चैंपियन बनाकर गए हैं। कुलदीप ने कहा कि भारत के लिए खेलना बहुत बड़ी उपलब्धि है। मुंबई की रैली को मैं आखिरी सांस तक याद रखूंगा। लाखों लोगों के बीच से गुजरना मेरे लिए यादगार पल बन गया।
इस दौरान बच्चों के साथ मिलकर कुलदीप ने केक भी काटा। भाजपा युवा मोर्चा के करना महाना, यूपीसीए के डायरेक्टर सियासत अली, भाजपा प्रदेश महामंत्री राकेश तिवारी, पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया, कोच कपिल पांडेय ने कुलदीप को ट्रॉफी भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर कुलदीप के पिता राम सिंह यादव, मो. तालिब, रामलीला दशहरा कमेटी के अध्यक्ष ब्रजेश सिंह, समाजसेवी जेपी शर्मा आदि मौजूद रहे।
क्लासेन के विकेट ने खोली जीत की राह कुलदीप ने कहा कि फाइनल मैच में हार्दिक ने क्लासेन का विकेट लेकर जीत की राह खोल दी थी। अंतिम में बुमराह और अर्शदीप की शानदार गेंदबाजी ने मैच हमारे पक्ष में डाल दिया। उन्होंने कहा कि कोच कपिल सर ने मुझे बड़े-बड़े सपने दिखाए और गेंदबाजी को पैनी धार दी।