बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संसद में सेंगोल को लेकर छिड़े विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मुद्दे के बजाय, सपा के लिए यह बेहतर होता कि वह कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केंद्र सरकार को घेरती।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरुद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरुषों की उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकंडों से जरूर सावधान रहें।
सपा के सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संसद भवन में स्थापित सेंगोल को हटाने की मांग की है और इस जगह पर संविधान की प्रति रखने का अनुरोध किया है। आरके चौधरी ने यह भी कहा है कि सेंगोल राजा-महाराजाओं का प्रतीक है, जिसे संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही लोक सभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया गया था।
सीएम योगी ने भी सपा पर किया था करारा प्रहार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सेंगोल पर समाजवादी पार्टी के नेताओं की टिप्पणी पर करारा प्रहार किया था। अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर सीएम योगी ने लिखा कि यह सपा नेताओं की अज्ञानता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी के मन में भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति कोई सम्मान नहीं है। सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणियां निंदनीय हैं। यह उनकी अज्ञानता को दर्शाती है। यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दर्शाता है।