ज्ञानवापी मामले पर फैसला देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर के पास करीब दो माह पहले से विदेश से कॉल आ रही थी। इस मामले को उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब लखनऊ की विशेष अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई है।

बरेली में 23 अप्रैल को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने एसएसपी बरेली को पत्र लिखकर बताया था कि उन्हें कई दिनों से 140 कोड वाले नंबरों से कॉल आ रही है। यह कोड विदेश का है। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी। करीब दो माह बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह पता ही नहीं चल सका है कि कॉल कौन कर रहा था। कहां से से कॉल आ रही थी। मामला शुक्रवार को तब और गंभीर हो गया, जब लखनऊ की विशेष अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।

हत्या का षडयंत्र रचने का हुआ था खुलासा 
बता दें कि आतंकवादी विरोध दस्ता एटीएस के गोमतीनगर थाना लखनऊ में दरोगा प्रभाकर ओझा की तरफ से भोपाल के अदनान खान के विरुद्ध जज को धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। विवेचना में यह तथ्य सामने आया था कि अदनान न्यायाधीश की हत्या करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। 

इसके बाद शुक्रवार को न्यायाधीश रवि दिवाकर ने प्रमुख सचिव को अपने व अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा। इसमें शाहजहांपुर में तैनात भाई जज दिनेश कुमार दिवाकर के परिवार की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनका परिवार भी कट्टरपंथियों के निशाने पर है। डीजीपी से लेकर एडीजे, कमिश्नर व मंडलायुक्त को भी पत्र की प्रति भेजी गई। बावजूद इसके अभी तक न्यायाधीश की सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई है।

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