गाजीपुर के अलग-अलग गांव निवासी देश सेवा में लगे दो जवानों का पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर शाम उनके घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। रात में ही पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, जो भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे।
ग्राम सभा बाघी के निवासी सुभाष यादव (38) 2004 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए। यादव महासभा के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव के मुताबिक, 19 जून को दिल्ली में ड्यूटी के दौरान हृदयगति रुकने से सुभाष यादव की सांसें थम गई। उनका शव रात करीब आठ बजे घर लाया गया। जहां उनके अंतिम दर्शन को बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े।
नम आंखों से लोगों ने अंतिम विदाई दी। दो बेटी और उनका एक आठ माह का बेटा है। पत्नी पूनम का रो-रोकर बुरा हाल है। इस दौरान सदर के विधायक जय किशन साहू, जिला पंचायत सदस्य दिवेंद्र यादव टिंकू, सपा नेता सत्या यादव, संदीप यादव, भाजपा नेता रामचंद्र बिंद व बलिस्टर यादव आदि मौजूद रहे। उनका अंतिम संस्कार चोचकपुर घाट पर किया गया।
उधर, चकेरी गांव निवासी सुरेंद्र सिंह यादव (54) की भी सांसें हृदयगति रुकने से थम गई। ग्राम प्रधान कन्हैया सिंह यादव के मुताबिक, सुरेंद्र सिंह यादव डीएससी (आर्मी) में नायब सूबेदार थे। वह मध्य प्रदेश के जबलपुर में ड्यूटी कर रहे थे।
उनका पार्थिव शव सैनिक सम्मान के साथ घर आया और काफी देर तक घर में ही अंतिम दर्शन के लिए रखा गया और फिर शवयात्रा निकाली गई। जिसमें सैकड़ों की संख्या में युवा बाइक लेकर व पैदल शामिल थे और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए तिरंगा लहराते चल रहे थे।
श्मशान घाट पर सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके साथ अंतिम विदाई देने के लिए वाराणसी की कंपनी से जवान साथ आए थे। उनके बेटे देवेंद्र सिंह यादव हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं। वहीं उनकी दो पुत्रियां भी हैं।