उत्तर प्रदेश के मथुरा में आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित अस्पताल में सोमवार देर रात मरीज की मौत पर हंगामा हुआ। मृतक के परिवार की महिलाओं ने सर्विस रोड पर जाम लगाने का प्रयास किया। परिजन का आरोप है कि मौत के बाद भी अस्पताल प्रशासन शव का इलाज करने का दिखावा करता रहा। डेढ़ लाख रुपये का बिल बना दिया। 

जानकारी होने पर दो थानों की फोर्स के साथ अधिकारी पहुंचे। शव कब्जे में लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामला शांत किया। अस्पताल शहर कोतवाली क्षेत्र के कृष्णा नगर इलाके में स्थित है। 

बंटू (24) पुत्र नईम निवासी सराय शाही, छाता बीते शनिवार को दिल्ली-आगरा हाईवे पर खड़े थे। किसी वाहन की चपेट में आने से घायल हो गए थे। परिजनों ने मथुरा न्यूरो हॉस्पिटल में भर्ती कराया। परिजनों का आरोप है कि सोमवार शाम डॉक्टरों ने बंटू को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बंटू को आईसीयू में भर्ती कर रखा था। सुबह उसकी मौत हो गई थी। मगर, पैसों के लालच में डॉक्टर परिवार को गुमराह करते हुए मृत को जिंदा बताकर इलाज करने का खेल खेलते रहे।

शाम को हालत गंभीर बताकर दिल्ली रेफर करने की बात कहने लगे और 1.50 लाख रुपये का बिल थमा दिया। परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस संचालक से दिल्ली ले जाना तय हुआ। तभी उसने कहा कि सिर्फ पांच मिनट तक ही यह जिंदा रहेगा। इसके बाद की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। इसी बात पर उन्हें शक हुआ। अस्पताल प्रबंधन से बात की तो उन्होंने भी अपने हाथ जिम्मेदारी लेने से पीछे खींच लिए। इसी दौरान बताया कि बंटू की मौत हो चुकी है। इस पर परिजन आक्रोशित हो गए।

हंगामे देख अस्पताल स्टाफ और डॉक्टर मौके से फरार हो गए। कोतवाली इंस्पेक्टर रवि त्यागी और सीओ सिटी प्रवीण मलिक भी पहुंचे। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया। सीओ सिटी प्रवीण मलिक ने बताया कि अभी मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट प्राप्त होने व परिजनों की लिखित तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

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