उत्तर प्रदेश के आगरा में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधिकारियों को 10 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पीएनसी इन्फ्राटेक (पीएनसी) के चार अफसरों को गिरफ्तार किया है। शनिवार को सीबीआई टीम ने पीएनसी के आगरा सहित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

पीएनसी इन्फ्राटेक में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद नवीन जैन पूर्व में कंपनी के डायरेक्टर रह चुके हैं। वर्तमान में उनके तीन भाई प्रदीप जैन, चक्रेश जैन और योगेश जैन कंपनी का संचालन करते हैं। सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार पीएनसी व एनएचएआई अधिकारियों को 10 लाख रुपये की रिश्वत मामले में रंगे हाथ पकड़ा गया।

पकड़े गए आरोपियों में पीएनसी के सत्य नारायण अंगुलुरी, बृजेश मिश्रा, अनिल जैन व शुभम जैन के अलावा एनएचएआई छतरपुर के परियोजना निदेशक पुरुषोत्तम लाल चौधरी, कंसल्टेंट शरद वर्मा, रेजीडेंट इंजीनियर प्रेम कुमार सिन्हा शामिल हैं। पीएनसी का पक्ष जानने के लिए चेयरमैन चक्रेश जैन व डायरेक्टर योगेश जैन के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई। उनके मोबाइल बंद हैं।

सांसद के भाई पर अनुचित लाभ का आरोप

हाईवे निर्माण से जुड़ी एक कंपनी ने एनएचएआई अधिकारियों को रिश्वत देकर अनुचित लाभ लेने की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में राज्यसभा सांसद नवीन जैन के भाई योगेश जैन सहित 10 लोगों के विरुद्ध सीबीआई ने केस दर्ज किया था। केस दर्ज के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया। 10 आरोपियों में सीबीआई 7 को गिरफ्तार कर चुकी है। 10 लाख की रिश्वत मध्य प्रदेश में झांसी-खुजराहो हाईवे का अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने, अंतिम बिलों के भुगतान और हैंडओवर के एवज में देने का आरोप है।

आगरा सहित 6 ठिकानों पर छापा

सीबीआई ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आगरा, लखनऊ, कानपुर सहित 6 ठिकानों पर छापा मारा। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पीएनसी का आगरा में मुख्यालय है। कंपनी उत्तर प्रदेश के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में हाईवे निर्माण करती है। हाल ही में जारी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन समूह हुरुन इंडिया ने देश की 500 मूल्यवान कंपनियों की सूची जारी की थी। इनमें 25 कंपनियां अकेले यूपी की थीं। इनमें आगरा की पीएनसी इन्फ्राटेक का नाम था। पीएनसी की नेटवर्थ करीब 8,667 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

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