अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद सपा नेता आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को दाखिल किया। कोर्ट ने जमानतियों की तस्दीक के आदेश दिए हैं। उनके द्वारा सभी 33 मुकदमों में भी जमानती दाखिल किए गए हैं, जिससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, आजम और अब्दुल्ला को अभी रिहाई का इंतजार करना होगा।

सपा नेता आजम खां को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 18 अक्तूबर 23 को उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में सात साल की सजा व पचास हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस मामले में उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को भी सात साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया था।

आजम खां इस समय सीतापुर, अब्दुल्ला हरदोई और डॉ. तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं। तीनों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन सेशन कोर्ट ने 23 जनवरी 2024 को तीनों की अपील खारिज कर दी। साथ ही निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। 24 मई को इस मामले में हाईकोर्ट से तीनों को राहत मिल गई।

सोमवार को डॉ. तजीन फात्मा के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट का आदेश कोर्ट में दाखिल किया। कोर्ट ने डॉ. तजीन फात्मा को जमानती दाखिल करने के आदेश दिए। आदेश के बाद डॉ. तजीन फात्मा ने जमानती दाखिल कर दिए हैं। कोर्ट ने जमानतियों की तस्दीक के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही डॉ. तजीन फात्मा ने अपने अन्य 33 मुकदमों में जमानती दाखिल किए हैं। अब उन्हें जल्द ही रिहा किया जा सकता है। आजम खां और अब्दुल्ला को अभी रिहाई का इंतजार करना होगा।

आजम के नफरती भाषण के मामले में विवेचक ने दर्ज कराए बयान
सपा नेता आजम खां के खिलाफ वर्ष 2019 में कोतवाली में दर्ज नफरती भाषण देने के मामले में सोमवार को मुकदमे के विवेचक अनिल कुमार कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए। आजम खां के अधिवक्ता ने उनसे जिरह की। उनकी गवाही पूरी हो गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी। सुनवाई के दौरान सपा नेता आजम खां वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये सीतापुर जेल से जुड़े।

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