लोकसभा चुनाव के पांचवें और छठें चरण में पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने विश्वनाथगंज रेलवे स्टेशन के समीप जनसभा को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि इस बार चुनाव फ्री एंड फेयर हुए, वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी नहीं हुई तो भाजपा सरकार आसानी से नहीं बनने वाली।

जातिवादी, पूंजीवादी, संर्कीण, सांप्रादायिक और द्वेषपूर्ण नीतियों, कथनी-करनी में अंतर होने की वजह से लगता है कि भाजपा केंद्र की सरकार में वापस नहीं आने वाली। इनकी नाटकबाजी और जुमलेबाजी को देश की जनता समझ चुकी है। अच्छे दिन जैसे हवा-हवाई वादे सहित इनके एक चौथाई वादों को जमीनी हकीकत नसीब नहीं हुई। इनका ज्यादातर समय इनके चहेते पूंजीपतियों व धन्नासेठों को मालामाल करने व हर स्तर पर बचाने में लगा रहा।

अपने संबोधन में पूर्व सीएम मायावती ने कहा, धन्नासेठों के आर्थिक सहयोग से ही भाजपा व अन्य पार्टियां अपना संगठन चलाती हैं और चुनाव लड़ाती हैं। जिसका खुलासा बांड प्रकरण में हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस देने के बाद इलेक्ट्रोरल बांड का खुलासा हुआ। रिपोर्ट आई तो आपको लगा होगा उसमें बीएसपी नहीं है। उसमें कांग्रेस, बीजेपी और अन्य विरोधी पार्टियां हैं।

इन सबने देश के धन्नासेठों से बांड के जरिए करोड़ों-अरबों रुपया लिया है। उस रिपोर्ट में ये कहीं वर्णित नहीं है कि बसपा ने किसी भी पूंजीपति से एक भी रुपया लिया हो। इससे यह स्पष्ट है कि हमारी पार्टी पूरे देश में संगठन चलाने और चुनाव लड़ने के लिए धन्नासेठों से रुपया नहीं लेती है। बल्कि पार्टी की सदस्यता शुल्क और मेरे जन्मदिन पर थोड़ा-थोड़ा धन एकत्र करके और चुनाव के मौके पर धन एकत्र करके संगठन चलाती है। हमारी सरकार ने किसानों के हितों का भी हमने हर स्तर पर ध्यान रखा है।

संबोधन में मायावती ने कहा वर्तमान केंद्र सरकार में दलितों, पिछड़ों और अल्प संख्यकों को शोषित किया जा रहा है। सरकार पूंजीपतियों के जरिए प्राइवेट कंपनियों से काम तो लिया जा रहा है लेकिन प्राइवेट सेक्टर की नौकरियो में आरक्षण का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक अल्प संख्यकों का विकास होना, हिंदुत्व की आड़ में बंद हो गया। उच्च जातियों में गरीब वर्ग की हालत अच्छी नहीं है। सपा की सरकार हो या भाजपा की लेकिन दोनों सरकारों ने उच्च जातियों को दुखी किया है। उसमें भी ब्राह्मणों का सर्वाधिक शोषण किया गया है। दोनों सरकारों में उच्च जाति में केवल सांमति लोगों को संतुष्ट किया गया है। प्रतापगढ़ जिले में भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

घोषणापत्रों के बहकावे में नहीं आना है
 

मायावती ने मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया सर्वे के जरिए केंद्र सरकार अपने को आगे दिखाने का प्रोपोगंडा कराती है। इस बहकावे में नहीं आना है। साथ ही पार्टियों के घोषणापत्रों के भी बहकावे में नहीं आना है। चुनाव के बाद पार्टियां घोषणापत्रों को अमल में नहीं लाती हैं। इसीलिए हमारी पार्टी घोषणापत्र नहीं लाती है। हमारी पार्टी ने चार बार की सरकार में बिना घोषणापत्र के विकास कार्य करके दिखाए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *