अलीगढ़ के महुआ खेड़ा क्षेत्र में बालक से कुकर्म के मामले में दोषी को विशेष पॉक्सो न्यायालय के न्यायाधीश सुरेंद्र मोहन सहाय ने बीस वर्ष कैद की सजा सुनाई है। साथ में पचास हजार रुपये अर्थदंड दिया है। अर्थदंड की राशि में से चालीस हजार रुपये पीड़ित को देने के आदेश दिए हैं।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी महेश सिंह के अनुसार घटना 10 फरवरी 2023 की दोपहर की है। वादी मुकदमा ने अगले दिन मुकदमा दर्ज कराया। जिसके अनुसार उनका आठ वर्ष का बेटा मां के लिए गांव की दुकान से शैंपू लेने गया था। तभी गांव का ध्यानपाल उसे फुसलाकर अपने घर ले गया। जहां उसके साथ कुकर्म किया। विरोध पर धमकाते हुए भगा दिया।
बालक ने घर आकर पूरा वाकया बताया। बाद में काम से लौटे पिता को पूरा मामला बताया गया। अगले दिन थाने में तहरीर दी गई। पुलिस ने मुकदमे के आधार पर मेडिकल परीक्षण आदि कराया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसी आधार पर चार्जशीट दायर की गई। न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान कुल छह गवाह कराए गए। आरोपी को दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है।
इस मुकदमे की पत्रावली शासन स्तर से चिह्नित थी। लगातार इसकी मॉनीटरिंग हो रही थी। इसी क्रम में मामले में आरोप तय होने के महज नौ माह में सजा की प्रक्रिया पूरी हुई।
- 25 मई 2023 को अदालत ने संज्ञान लिया
- 18 जुलाई 2023 को आरोप तय हुए
- 18 सितंबर 2023 की पहली गवाही वादी की
- 22 मार्च 2024 को दूसरी गवाही पीड़ित की
- 09 अप्रैल 2024 को तीसरी गवाही विवेचक की
- 12 अप्रैल 2024 को प्रधानाचार्य की चौथी गवाही
- 15 अप्रैल 2024 को पांचवीं गवाही डाक्टर की
- 16 अप्रैल 2024 को आरोपी के बयान
- 18 अप्रैल 2024 को बहस
- 20 अप्रैल 2024 को सफाई साक्ष्य से नकारा
- 24 अप्रैल 2024 को बहस
- 4 मई को फैसला