एएमयू की कक्षा 11 में प्रवेश परीक्षा 9 जून को होगी। परीक्षा में आने वाले इंडो इस्लामिक से शरिया के सवालों को हटा दिया गया है। इससे यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि एएमयू इंतजामिया को ऐसा नहीं करना चाहिए।
9 जून को कक्षा 11 (विज्ञान, वाणिज्य, मानविकी) की प्रवेश होगी। 100 अंक की प्रवेश परीक्षा होती है। इसमें 10 अंक के सवाल इंडो इस्लामिक भाग से पूछे जाते हैं। इनमें तीन सवाल अकीदा, इबादत, रसूल का व्यक्तित्व और कुरान-हदीस संबंधित आते थे, जो इस बार नहीं होंगे। इन सवालों की जगह मुगलकाल से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे।
छात्र मोहम्मद गयास उद्दीन ने कहा कि एक तरफ मुस्लिम के अस्तित्व को खत्म कर रहे हैं, तो दूसरी बार अल्पसंख्यक दर्जा को लेकर उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं। उर्दू को किनारे लगा रहे हैं। छात्र मोहम्मद यासिर ने कहा कि कुलपति ने शरीयत का भाग हटा दिया, जिसकी निंदा करते हैं।
इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक प्रो. मुजीब उल्लाह जुबैरी ने बताया कि इंडो इस्लामिक से अकीदा, इबादत, रसूल का व्यक्तित्व और कुरान-हदीस संबंधित सवाल पूछे जाते थे, लेकिन कुछ शिक्षकों और विशेषज्ञों ने अपनी राय दी कि सवालों को दोबारा देखने की जरूरत है। यह बात एकेडमिक काउंसिल में आई। इसके बाद कमेटी बनाई गई। कमेटी ने अपनी सिफारिशें दीं, उसे लागू कर दिया गया है। अगर यह मुद्दा या कोई उनके सामने लाता है, तो फिर यूनिवर्सिटी इस पर दोबारा गौर करेगी। जो फैसले हुए हैं, उसमें रद्दोबदल करने की जरूरत है या नहीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम यूनिवर्सिटी में वाबस्ता है। यूनिवर्सिटी के नाम मुस्लिम है। ऐसा नहीं है कि इस्लाम को यूनिवर्सिटी को दूर करने की बात है।