उत्तर प्रदेश का मैनपुरी जिला, मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता है। मुलायम सिंह यादव का परिवार प्रदेश की सियासत में सबसे बड़ा माना जाता है। लेकिन, बीते कुछ वर्षों में ये कुनबा भी बिखर गया था। ससुर के गढ़ में जब बहू डिंपल यादव नामांकन करने पहुंचीं तो सबसे बड़ा सियासी कुनबा एक नजर आया। डिंपल यादव और अखिलेश यादव की कार में आगे चाचा शिवपाल सिंह थे, तो पीछे प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी बैठे थे। परिवार के अन्य सदस्य भी उनके साथ नामांकन में पहुंचे थे।
मैनपुरी को मुलायम का गढ़ कहा जाता है। ऐसा कहने के पीछे वजह भी है क्योंकि सपा के गठन के बाद से सपा यहां अजेय रही है। बीते कुछ चुनावों में सैफई परिवार में छिड़ी आपसी रार सबके सामने आ गई थी। इसी के चलते 2019 में मुलायम सिंह यादव का नामांकन हो या 2022 के उप चुनाव में डिंपल यादव का नामांकन, दोनों में ही चाचा शिवपाल सिंह यादव नजर नहीं आए। शिवपाल सिंह यादव की मैनपुरी में जनता के बीच पकड़ अच्छी मानी जाती है, ऐसे में हर कोई अलग-अलग कयास लगा रहा था।
2024 के चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी डिंपल यादव मंगलवार को मैनपुरी नामांकन दाखिल करने पहुंचीं। लेकिन इस बार ये बिखरा हुआ सैफई परिवार अपनी बहू के लिए एक नजर आया। डिंपल यादव का नामांकन कराने के लिए चाचा शिवपाल सिंह यादव भी मैनपुरी पहुंचे। वे कार में आगे की सीट पर बैठे तो वहीं पीछे की सीट पर डिंपल, अखिलेश और प्रो. रामगोपाल बैठे थे। कार्यकर्ताओं ने सभी को एक साथ देखा तो उन्हें समझते देर न लगी कि पूरा परिवार डिंपल के साथ है।
डिंपल यादव के नामांकन में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव भी पहुंचे थे। डिंपल और अखिलेश की कार के ठीक पीछे ही उनकी कार चल रही थी। आगे धर्मेंद्र बैठे तो वहीं पीछे तेजप्रताप और अखिलेश यादव के चचेरे भाई जिला पंचायत अध्यक्ष इटावा अंशुल यादव बैठे थे। वहीं धर्मेंद्र यादव के बड़े भाई अनुराग यादव भी नामांकन में पहुंचे थे।