मस्जिद के इमाम के नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा कर उनका इस्तेमाल जमीन की खरीद फरोख्त में किया गया। इतना ही नहीं आधार और पैन कार्ड इमाम के नाम से हैं, जबकि फोटो मुरादाबाद के युवक का लगा हुआ है। मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। 

ये मामला नगर कोतवाली जुड़ा है। मूलरूप से गाजीपुर जनपद के थाना दिलदार नगर के ताजपुर कुर्रा गांव निवासी मौलाना मोहम्मद अजमल 1977 से 1987 तक नगर के मोहल्ला चिल्ला स्थित मदरसा दारुल उलूम इस्लामिया अरबिया में उपप्रबंधक के पद पर रहे थे।

जबकि मोहल्ला नल स्थित बड़ी मस्जिद में बतौर इमाम भी रहे थे। इस दौरान वह मोहल्ला नल में ही वह खलील अहमद के मकान में परिवार के साथ किराये पर रहते थे। मौलाना मोहम्मद अजमल ने अमरोहा और मुरादाबाद में कुछ संपत्ति भी खरीदी थी।

1987 के बाद वह मदरसा की नौकरी और इमामत छोड़ कर परिवार समेत गाजीपुर चले गए थे। इस बीच उनका अमरोहा आना-जाना लगा रहा। मौलाना का आरोप है कि मुरादाबाद जनपद के थाना छजलैट के गांव सलावा निवासी मोहम्मद उस्मान ने उनके नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा लिए।

दोनों पर नाम व पता तो मौलाना मोहम्मद अजमल का और फोटो उस्मान का लगा हुआ है। आरोप है कि उस्मान ने दोनों का प्रयोग जमीनों की खरीद-फरोख्त व अन्य कामों में किया है। जानकारी होने पर उन्होंने शिकायत की तो आरोपी उस्मान ने धमकी दी।

मौलाना ने मामले की शिकायत पुलिस से की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई लिहाजा उन्होंने न्यायालय की शरण ली। सीओ सिटी अरुण कुमार ने बताया कि इस मामले में अदालत के आदेश पर उस्मान के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच की जा रही है।

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