शामली में बुधवार को वीवी पीजी कॉलेज में अमर उजाला की सत्ता संग्राम की टीम ने युवा मतदाताओं से क्षेत्र के मुद्दों पर उनके मन की बात जानी। इस दौरान युवा मतदाता लोकसभा चुनाव को लेकर खुलकर बोले। वहीं, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा लीक के मामले में बात करते-करते एक छात्रा रो पड़ी। छात्रा ने कहा कि यह सरकार बहुत खराब है। 

छात्रा ने रोते हुए कहा कि ज्यादा अमीर घर से नहीं हूं। मेरे पापा किसान है। इसलिए पेपर लीक होने का बहुत दुख हुआ है। छात्रा ने कहा कि एक छोटे से गांव से हूं। मैं रोज सात किलोमीटर ई-रिक्शा के माध्यम से कोचिंग जाती हूं। अनु ने कहा कि मैंने यूपी पुलिस भर्ती को लेकर बहुत मेहनत की थी। पूछने पर बताया कि मैं पिछले छह-सात महीने से तैयारी कर रही थी।

अनु ने कहा कि फिर से परीक्षा की तारीख आने का इंतजार कर रही हूं। उसी के लिए मेहनत कर रही हूं। इस दौरान अनु ने कहा कि एक और परीक्षा दी थी लेकिन, वह पेपर भी लीक हो गया। आखिर में अनु ने रोते हुए कहा कि कुछ नहीं बस, छात्रों की जिंदगी खराब है।

सभी युवाओं में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने को लेकर गुस्सा दिखा तो वहीं सरकार के लॉयन ऑडर की जमकर तारीफ की। युवाओं ने सरकार से शिक्षा और स्वास्थ्य में भी सुधार की बात कही है। वहीं गांव की खस्ताहाल सड़कों पर भी गुस्सा फूटा।

छात्रा गिनिसा का कहना था कि भाजपा सरकार में आरओ और यूपी पुलिस भर्ती के साथ अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। जिस कारण युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। जिस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। पुलिस भर्ती की परीक्षा की अभी तक नई परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हुई है। जिस कारण युवा तैयारी नहीं कर पा रहा है। पेपर लीक होने से अभ्यर्थी का मनोबल गिरता है। इस पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए। 

युवा मतदाता ऋतु पुंडीर ने कहा कि वर्तमान सरकार में महिलाओं के साथ छेड़खानी कम हुई है। एक फोन कॉल पर तुरंत पुलिस पहुंच जाती है। क्राइम पर भी लगाम लगी है। वहीं, सरकार ने तीन तलाक पर भी लगाम लगाकर महिलाओं को इंसाफ दिलाया है। 

सन्नी मुंडेट का कहना है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा और स्वास्थ्य में बदलाव के कारण ही देश तरक्की कर सकता है। बधेव के हर्ष कुमार ने कहा कि गांव बधेव की सड़क का बुरा हाल है। अगर क्षेत्र का सांसद सड़क पर दो किलोमीटर पैदल चलकर दिखाए तो माने। आजकल सड़क केवल कागजों में ही बन जाती है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है, सब केवल खाने के चक्कर में है। सड़क बनने से पहले टूटने लगती है। 

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