कासगंज के पटियाली में शनिवार की सुबह दरियावगंज की ओर जाते समय ककराला के आदर्श तालाब से अचानक चीत्कार की आवाज लोगों को सुनाई दी। घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर एक साधू की मढ़ी थी। उन्हें तत्काल इस हादसे की जानकारी हुई। तुरंत ही ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में गिरती देख साधू दौड़ पड़े और राहगीरों को रोककर राहत के कार्य में जुटाया। कुछ राहगीर तो खुद रुक गए और कुछ रोके गए। इसी बीच कुछ पुलिसकर्मी भी निकले। घटना के दस मिनट के अंदर ही बचाव का कार्य शुरू हो गया। पलटी हुई ट्रॉली को उठाने में लोगों को कवायद करनी पड़ी। जब ट्रॉली नहीं उठी तो अन्य लोग बुलाए गए। ट्रॉली उठने के बाद ही राहत का कार्य शुरू हुआ।

लोगों को लगा कि उनके प्रयास कुछ जिंदगियों को बचा पाएंगे, लेकिन एक के बाद एक बच्चे, महिलाओं को लोगों ने उठाया तो उसमें ज्यादातर की सांसें थमी नजर आ रहीं थीं। कुछ ही लोग ऐसे निकले जिनमें चेतना थी। ज्यादातर लोग सांसे थमते ही निढाल हो चुके थे। मौके पर पहुंची एंबुलेंसों से जल्दी जल्दी सभी को पटियाली के स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। राहत कार्य में जो पुलिसकर्मी व ग्रामीण जुटे हुए थे उनके भी पैर लोगों की थमी सांसे देखकर कांपने लगे। क्योंकि उन्हें इस बात का एहसास नहीं था। वे तो लोगों की जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटे थे। मंजर काफी खौफनाक था। जो मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे वे भी काफी घबराहट में थे। सभी श्रद्धालुओं के तालाब से निकाल लिया गया। ट्रैक्टर ट्रॉली भी निकल आई, लेकिन वह मासूम सिद्दू जिसका मुंडन होना था वह नहीं मिल सका। तालाब में उसकी तलाश के लिए तालाब का पानी भी निकलवाया गया। सायं तक लापता सिद्दू नहीं मिल सका था। पूरे दिन तालाब पर प्रशासनिक अधिकारी जहां डटे हुए थे वहीं ग्रामीण एकत्रित थे। खौफनाक मंजर हर किसी को परेशान करने वाला था।

प्रत्यक्षदर्शी साधु महावीर ने बताया कि ‘मैंने जैसे ही चीखपुकार की आवाज सुनी उस समय मैं अपनी मढ़ी में मौजूद था। तत्काल ही घटनास्थल पर पहुंचा तो काफी आवाजें आ रहीं थीं। तुरंत ही राहगीरों को रोककर जैसे तैसे ट्रॉली के नीचे दबे लोगों को ट्रॉली हटाकर निकाला तो कुछ लोगों की ही सांसे चल रहीं थीं। पुलिस भी मौके पर आ गई थी और इस बीच लोगों को मदद करके अस्पताल भिजवाया। दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि हाथ पैर भी कांपने लगे।’

 घटनास्थल पर पुलिस टीम में सबसे पहले पहुंचे सिपाही सुरेंद्र ने बताया कि वह रुटीन में चार साथी कर्मियों के साथ बाइक से ड्यूटी प्वाइंटों पर जा रहे थे। तभी उन्हें घटना के बारे में जानकारी मिली। वह तत्काल ही कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गए। उस समय घटनास्थल पर कुछ लोग बचाओ बचाओ चिल्ला रहे थे। वहीं कुछ लोग पलटी हुई ट्रॉली को उठाने की कोशिश कर रहे थे। सुरेंद्र ने बताया कि वह स्वयं व चौकी के अन्य पुलिसकर्मी ट्रॉली को उठाने लगे। इसी के साथ ही ट्रॉली के नीचे दबे लोगों को निकालना शुरू किया। कर्मी ने बताया कि ज्यादातर लोग मृतक निकले। कुछ ही लोगों की सांसे चल रहीं थीं।

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