पशु आहार बनाने वाली कंपनी इवा एग्जोटिका के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों में करोड़ों रुपये का नकद लेन-देन होने का खुलासा हुआ है। बीते करीब 36 घंटे से 11 शहरों में कंपनी के 33 ठिकानों पर जारी छापों में इसके दस्तावेजी सबूत हाथ लगे हैं, जिसके बाद कंपनी के संचालकों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है। इसके अलावा करीब तीन करोड़ रुपये नकद बरामद हुआ है। साथ ही, संचालकों और उनके परिजनों के नाम करीब बैंक लॉकर का पता चला है, जिसे अगले हफ्ते खोला जाएगा।

बता दें कि लखनऊ के नादरगंज इलाके में स्थित कंपनी के कारपोरेट ऑफिस को छोड़कर बाकी जगहों पर छापों की कार्रवाई बृहस्पतिवार दोपहर तक समाप्त हो गयी है। इन ठिकानों की छानबीन में एक दर्जन से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। सामने आया है कि इनमें से अधिकतर संपत्तियों को खरीदने में नकदी का अधिक भुगतान किया गया था। इससे संबंधित लेखा-जोखा जैसे चेक और नकदी का जिक्र आदि के प्रमाण मिले हैं। जांच में पता चला है कि कंपनी अपने बही-खातों को दुरुस्त रखने के बजाय उसमें हेराफेरी कर रही थी। इसमें कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली तमाम फर्मों को करोड़ों रुपये नकद भुगतान करने का जिक्र पाया गया है।

किराए पर दिए दो प्लांट
जांच में पता चला है कि कंपनी की बीते कुछ दिनों से स्थिति ठीक नहीं होने पर उसे अपने प्लांट किराए पर देने पड़े थे। उसने अपना अंबाला और चंदौसी का प्लांट कपिला पशु आहार बनाने वाली कंपनी को किराए पर दिया है। आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी के निदेशकों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर रहे हैं।

खुलासा हुआ है कि कंपनी अपना अधिकतर कारोबार कैश में करती थी। इसके जरिए उसने करोड़ों रुपेय की टैक्स की चोरी की है। कंपनी ने बेहद कम समय में अपने कारोबार का विस्तार भी किया, जिसके लिए कई शेल कंपनियों से लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। वहीं कंपनी को कच्चा माल आपूर्ति करने वाली फर्मों की जांच में पता लगाया जा रहा है कि वह वास्तव में माल आपूर्ति करते थे कि केवल किताबों में ही इसका जिक्र किया जाता था।

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