हाथरस न्यायालय ने आशा कार्यकर्ता से आवास विकास योजना का सेक्रेटरी बनकर फोन करके मकान दिलाने के नाम पर रुपये ठगने के मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिया है। मामले में पीड़ित महिला ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।
पीड़ित महिला की ओर से पैरवी करने वाले मोहम्मद इकबाल अधिवक्ता ने बताया कि थाना हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव भदामई निवासी कमलेश कुमारी ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप था कि कमलेश कुमारी स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती हैं। चार जून को मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। फोनकर्ता ने कहा, हाथरस से बोल रहा हूं आवास विकास योजना का सेक्रेटरी हूं। आपका नाम आवास योजना में आ गया है। आपको सरकार मकान बनवा कर दे रही है, इसके लिए आपको कुछ पैसे जमा करना होंगे।
वह सीधे स्वभाव की महिला है उसकी बातों में आ गई। अज्ञात व्यक्ति ने पीड़ित महिला के मोबाइल पर दो अकाउंट डिटेल भेजी। आशा कार्यकर्ता ने अलग-अलग तिथियों में उन खातों में 55 हजार पांच सौ रुपये डाल दिए। अज्ञात व्यक्ति जिसने अपना नाम रमेश बताया था कहा कि 15 दिन में तुम्हारा काम हो जाएगा। आशा कार्यकर्ता ने जब 15 दिन बाद से लगातार समय-समय पर उसके नंबर पर फोन मिलाने के बाद कोई संपर्क नहीं हुआ।
आरोप है कि तब आशा कार्यकर्ता थाने पर गई तो उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की, फिर उसने रजिस्ट्री से अपना प्रार्थना पत्र एसपी को भेजा। फिर आशा कार्यकर्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट पूनम कुमारी चौहान ने थाना हाथरस जंक्शन प्रभारी को आदेशित किया है कि प्रकरण के तथ्यों की आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करना सुनिश्चित करें।