मां कमलेश की मौत का सदमा उनका बीमार जवान बेटा दीपक सहन नहीं कर पाया। चारपाई से उठा और मां के शव से लिपटकर बिलखने लगा। अब मेरा इलाज कौन कराएगा… कहते हुए उसने भी दम तोड़ दिया। मां-बेटे की मौत की खबर मिली तो मोहल्ले वालों की भीड़ लग गई, लेकिन दीपक का पिता पुरुषोत्तम श्रीवास्तव उर्फ भूरे वहां से खिसक गया।

यूपी के बदायूं स्थित किलाखेड़ा मोहल्ला निवासी भूरे की पत्नी कमलेश (65) काफी समय से बीमार थीं। दो महीने पहले उनका पैर भी टूट गया। ठीक से इलाज न हो पाने से उन्हें पीलिया भी हो गया। इसी दौरान उनका बेटा दीपक (22) भी बीमार पड़ गया।
मोहल्ले वालों का कहना है कि बावजूद इसके भूरे ने दोनों के इलाज पर ध्यान नहीं दिया। बीमारी के कारण कमलेश ने बृहस्पतिवार सुबह करीब आठ बजे दम तोड़ दिया। इस पर बदहवास दीपक मां के शव से लिपटकर बिलखने लगा। परिजन संभाल पाते, इससे पहले उसने भी सदमे में दम तोड़ दिया।
पालिका सदस्य आकाश शर्मा ने बताया कि दोनों ही बीमार थे। कमलेश का सबसे छोटा बेटा कुलदीप मुकबधिर है, जबकि सबसे बड़े बेटे विष्णु की बीमारी के कारण करीब दो साल पहले मौत हो चुकी है। दीपक ही वृद्ध मां कमलेश की देखभाल करता था। आकाश का कहना है कि दीपक का पिता कभी परिवार पर ज्यादा ध्यान नहीं देता।
बड़ी मुश्किल से हुआ था बड़े बेटे के शव का संस्कार
पुरुषोत्तम श्रीवास्तव उर्फ भूरे का परिवार से अलगाव तो नहीं रहा, लेकिन जब भी परिवार के किसी सदस्य मुसीबत आई या मौत हुई तो उसने पल्ला झाड़ लिया। दो साल पहले बड़े बेटे विष्णु की मौत हुई तब भी उसने शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया था। उस वक्त कमलेश ने कोतवाली पुलिस से गुहार लगाई तो पुलिस के हस्तक्षेप करने पर भूरे ने विष्णु के शव का अंतिम संस्कार किया था। अब, पत्नी कमलेश और बेटे दीपक की मौत के बाद पुलिस पहुंची तो भूरे कहीं नजर नहीं आया।
वृद्धा कमलेश और सदमे में उनके जवान बेटे दीपक की मौत के बारे में जानकारी मिली है। भूरे का एक भाई दिल्ली में रहता है। उसे बुलाया गया है। देर रात तक उसके पहुंचने के बाद ही मां-बेटे का अंतिम संस्कार होगा। भूरे को तलाश किया जा रहा है।

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